स्वार्थ हर तरह की भाषा बोल सकता है . हर तरह की भूमिका अदा कर सकता है .यहां तक की यह नि: स्वार्थ की भाषा भी नहीं छोड़ता।
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Agar kisi se Pyar karo to uska hamesha khayal rakho, Yahi Jine ka sabse accha tarika hai
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Words and Time never can be Enough to explain the Experience you earned with Good People
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विद्या विनय सम्पन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनी |
शुनि चैव श्वपाके च पंडिता : समदर्शिन :||
ज्ञानी महापुरुष विद्याविनययुक्त ब्राह्मण में और चांडाल तथा गाय , हाथी एवं कुत्ते में भी समरूप परमात्मा को देखने वाले होते हैं।-
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः,
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम।
जो व्यक्ति सुशील और विनम्र होते हैं, बड़ों का अभिवादन व सम्मान करने वाले होते हैं तथा अपने बुजुर्गों की सेवा करने वाले होते हैं। उनकी आयु, विद्या, कीर्ति और बल इन चारों में वृद्धि होती है।-
शिक्षा के जहाज़ बड़े शौक से डुबाये जा रहे हैं,
स्कूलों को बंद करके लोग रैली में बुलाये जा रहे है,
तू कब तक फ्री राशन का मज़ा लेगा ऐ आदम,
तेरे बच्चे जिष्म से नही दिमाग से अपाहिज बनाये जा रहे हैं।
#Corona & Politics-