आसमान में टूटे-फ़ूटे बादल देखा,
टूटी-फ़ूटी उम्मीदों के काजल देखा।
पंख कटे फ़िर भी आज़ाद नज़र आते हैं,
तन से मुक्त, मन से ग़ुलाम नज़र आते हैं।
अंग्रेज़ी को सर्वोपरि बतलाते क्यूँ हैं,
भेद-भाव से ऊपर फ़िर उठ जाते क्यूँ हैं।
बड़े-बड़े ख्वाबों की छोटी चादर देखा,
टूटी-फ़ूटी उम्मीदों के काजल देखा।।-
बेरोज़गारों का इम्तेहान जारी है,
हर तरफ़ रोज़गार की मारामारी है।
न्याय कहाँ बचा अब शासन में,
अधिकारी लूट रहे हैं प्रशासन में।।-
इज़हार-ए-इश्क़ होगा, "तुम्हें बाहों में भरकर",
ज़माना उस घड़ी तकता रहेगा मुसलसल हाथ मलकर।।
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"सफ़र"
सफ़र करते रहे जाना, तुम्हारे ही खयालों में,
तुम्हारा ही तसव्वुर हर सफ़र में साथ होता है।।-
कैसे कह दूँ कि महज़ कशिश थी,
दिल के कोने में एक तपिश थी।
धुआँ उठा है, तो आग भी लगी होगी,
यही तो प्यार की आराइश थी।
हसरत-ए-दीद भी होगी पूरी,
तरीक़ा भी जाइज़ होगा।
हमारा इश्क़ भी होगा मुक़म्मल,
नफ़्स का ज़ोर तो बस आज़माइश थी।।
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"धीर धरो मन मेरे" मोहे आस लगी बहुतेरे,
जब प्रेम की बंसी बाजे, तब नाचे मयूरा घेरे।-
"अब कहाँ वो राहतें"वो चाहतें इस दौर में,
इश्क़ में डूबे हुए भी इश्क़ से अनजान हैं।।
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सियासतदारों की सियासत में,
"दिल का माहौल मत बिगाड़ो"।
यूँ बेख़बर ना बनो, इस दौर-ए-सियासत मे,
ऐ इंसान अपनी इंसानियत को पहचानो।
गुल हैं हम इसके , ये गुलिस्तान हमारा है,
शाख़ पर बैठे हुए उल्लू को पहचानो।।-
सरे महफ़िल तमाशे में तमाशाई बने रहना,
अरे क्या ख़ाक मुमकिन है तेरा इंसां बने रहना।
गुज़र जाते हैं रस्ते से,जो भूका दिख भी जाए तो,
बहोत आसान होता है हज़ारों ख़ुद पे ख़र्च करना।
तार्रुफ़ भी नही होता, वो बूढ़े वालिदैन का ,
हुनर जिसने सिखाया था कठिन रस्ते पे चलने का।
उन्हें अपना बताने में तो इज़्ज़त डूब जाती है,
बहोत आसान हो जाता है उनको दरगुज़र करना।।
"अरे क्या ख़ाक मुमकिन है तेरा इंसां बने रहना"
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"मेरा मेरा करते करते" ये दिल तेरा हो ही गया ,
इश्क़ मोहब्बत करते करते आँसू हीरा हो ही गया।।-