पता किजिए, लाभ-हानि-बे'ईमानी क्या है
सादी ज़िन्दगी समझ आ गई,रूहानी क्या है
अदा और ज़िद, दोनों ही मतलबी ठहरेगी
गूंगे बहरों सा जीना भी, ज़िंदगानी क्या है

- © इश्क़ शर्मा प्यार से ✍