Ishita Shukla   (IsHiTa)
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guitarist
poetess
Joined 17 January 2021


guitarist
poetess
Joined 17 January 2021
15 MAR 2022 AT 20:48

कभी पत्थर की ठोकर से
कभी चाहत कि ठोकर से,
कभी ये दिल भी टूटा है
कुछ उम्मीदो कि ठोकर से।।

मैं रातो को भी जागी हू
कभी दिन भर ही सोई हूं,
मै खुद से ऐसे भागी हूं
कि सपनो मे भी रोई हूं।।

निहारो आँख तुम मेरी
लबों मे क्या हि रखा है,
मेरी पलकों से पूछो तुम
कि वारिद कैसे बरसा है।।

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9 FEB 2022 AT 14:45

अहसास मेरे थे
फिक्र उसका था,
लफ्ज़ मेरे थे
जिक्र उसका था..— % &

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23 JAN 2022 AT 22:04

अपने किरदार को अंजाम देती
मै इक अदाकारा हूं,
जीवन की आड़ मे
हयात कि लालसा करती हूं।

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20 DEC 2021 AT 18:58

सुकून-ए-सब्र मिलता है
मेरे लिखे इन पन्नो से..
रहेंगे लफ़्ज़ जिन्दा ये,
अगर मैं मर भि जाऊं जो।

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13 DEC 2021 AT 13:43

main tumhe manau bhi toh kaise
ye hakk mujhe tumse mila hi nahi🥺

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8 DEC 2021 AT 23:20

नाराजगी तो बड़ी दूर कि बात है
हमें तो तुमसे कोई उम्मीद भि नही है।

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3 DEC 2021 AT 23:55

किस्से मेरी उल्फत के जो
मरकूम हैं सारे..
आ देख तेरे नाम से
मौसूम हैं सारे..
शायद ये जर्क है जो
ख़ामोश हूं अब तक ,
वर्ना तो तेरे ऐब भी
मालूम हैं सारे..
सब जुल्म मेरी जात से मन्सूर हे ऐसे
क्या मेरे सिवा इस शहर में
मासूम हैं सारे ।।?

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29 NOV 2021 AT 11:36

ना ही इस मे राजा है
ना ही कोई रानी
कुछ इस तरह से होगी
मेरी लिखी कहानी

सपनो की दुनिया से आई
लड़की वो बेगानी सी
खुद ही खुद मे रहने वाली
पागल सी दीवानी सी

दुनिया से वो जीतने वाली
खुद ही खुद से हारी थी
औदा उसका अगद नही
वो मां की राजकुमारी थी

हमदर्दी रखी थी जिसने
पेड़ो और पहाड़ो से
आसमान मे चमक रही वो
टूटे हुए सितारों सी ।।

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20 OCT 2021 AT 22:54

मैं मौत लेके आऊंगी
तुम वक्त लेते आना

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2 SEP 2021 AT 0:11

यही हालात इब्तिबा से रहें...
लोग हमसे खफा खफा से रहें।।

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