सुना था मोहब्बत दूरियों की मोहताज नहीं होती..कश्मकश हो कैसी भी, रिश्तों में दीवारें नहीं होती!
तुम नहीं आते, पर तुम्हारे खयाल रोज़ दस्तक देते हैं, आंखें नम तो होती है पर हम फिर भी मुस्कुरा देते हैं।
माना कि अब रिश्ते बदल गए हैं, "जान" से हम "अNJAAN" बन गए हैं..मगर आज भी हमारे प्यार में गहराई कायम है, मिज़ाज सख्त पर कही-ना-कही हम आज भी मुलायम है!
पल में रिश्ते तो तुम जोड़-तोड़ गए थे, हम तो आज भी अपने उसूलों पर कायम हैं!
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