ISHIKA JAIN  
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⚜️College Student in DEI⚜️
🍁🍁
🌸प्रत्येकश्वास : पारितोषिकमस्ति🌸
Joined 20 June 2020


⚜️College Student in DEI⚜️
🍁🍁
🌸प्रत्येकश्वास : पारितोषिकमस्ति🌸
Joined 20 June 2020
30 JUN 2021 AT 0:15

तुम पर जब तुम मुझसे
यूं रूठ जाते हो
तुम्हे मनाने में बड़ा ही अच्छा लगता है
तुम गुस्से में बहुत ही प्यारी लगती हों..
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23 DEC 2021 AT 11:08

...... आज की नारी सौ पुरुषों पर भारी....
आज की नारी सब पर भारी
दो परिवारों को शिक्षित करती नारी
सौ पुरुषों पर भारी एक नारी
दया, त्याग , करुणा , ममता की मूरत है नारी
ना जाने क्यूं समझी जाती हैं बेचारी नारी...?

अबला नहीं सबला हूं मैं
मुझे अबला समझने की भूल कर मत बैठना
जननी भी मैं ही हूं और विनाश का कारण भी मैं ही हूं
अबला नहीं सबला हूं मैं
बस अब ओर ना सहूँगी इस अत्याचार को मैं
मेरे सब्र का बांध अब टूट चुका हैं
बस बहुत हुआ अत्याचार अब नहीं मुझको सहना हैं
बस अब आगे बढ़ते जाना हैं ..

अबला नहीं सबला हूं मैं....

नारी के बिना परिवार अधूरा
नारी के बिना संसार का अस्तित्व अधूरा

नारी होती है महान
नारी से ही देश की शान
नारी अभिशाप नहीं, है वरदान
इसी से होती घर की पहचान
मत करो इसका अपमान....




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20 MAY 2021 AT 23:43


उम्मीद की ही कीरण
मनुष्य को
जीना सिखाती हैं।...

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18 MAY 2021 AT 0:28


यह वक्त ही हैं जनाब़ जो गुजर जाएगा
बुरा वक्त हैं तो अच्छा लगता है
की यह वक्त भी गुजर जायेगा
अगर
अच्छा वक्त है तो सोचकर भी दुख होता हैं
कि यह वक्त गुजर जाएगा..

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15 APR 2021 AT 23:45

हमें अतीत को भुलाकर
वर्तमान में जीना चाहिए
और
अपने आने वाले भविष्य के
बारे में सोचना चाहिए..

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17 MAR 2021 AT 20:11

वह जिंदगी सिखा देती है..
जो किताबें नहीं सिखा पाती है
वह दोस्त सिखा देते हैं...

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31 DEC 2020 AT 22:59

No matter how you have gone,
but
you have gone through a lot
of
learning and seeing..



-Ishika jain






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12 DEC 2020 AT 16:16

जो ख़ुद को जलाकर राख कर देती हैं
रिश्तों को भी खत्म कर देती हैं
इस नफरत की आग का कोई इलाज़ नहीं हैं
ये आग इंसान के अंदर की इंसानियत को भी मार देती हैं ...l

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8 DEC 2020 AT 16:24

वक्त वक्त की बात है ,
जनाब आज वक्त बुरा है,
तो क्या हुआ ,कल अच्छा वक्त भी आएगा....

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30 NOV 2020 AT 13:13

Good medicine of life...

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