तुझसे ही रात तुझसे ही सवेरे है,
ये इश्क के रंग न जाने कितने गेहरे है,
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दर्द दे कर मुझे तुम ना यूँ मुस्कुराया करो,
बीता हुआ कल हूँ तुम्हारा
यही सोच के कभी मुझपे तरस खाया करो।-
दर्द में तुम्हे अपना बताया करूँगी,
चुप हो जाओगे जब तूम तब तुम्हे सताया करूँगी,
वादे मत करना जो निभाए ना जा सके तुमसे
क्यूँकी वक्त आने पर में तुम्हे आजमाया करूँगी।
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ये कैसी उसकी चाहत है,
दुर रहकर मुझसे मिलती उसको राहत है।
मुझे एक सिर्फ़ उसी से प्यार है,
उसके जाने से बाद सिर्फ़ उसी के आने का इंतज़ार है।
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सिर्फ़ दो पन्नों में सीमट गया है मेरी मोहब्बत का किस्सा,
और उन्हे मेरे इश्क़ पे लिखी किताब पढ़नी है।-
बेशक़ हमारा मिलना मुमकिन नही है,
पर तुमसे मिलने की चाह मैं आज भी रखती हूँ।-
Matlab ki ye duniya or matlabi ye log saare...
Kabhi ho jaate hai aapke or to kbhi humare...-
न जाने किस लिये वो मजबूर हो गये,
जो बिना बताये मुझसे इतना दूर हो गये।
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वो देख कर मुझे यू नज़रन्दाज़ करने लगे है,
वो देख कर मुझे यू नज़रन्दाज़ करने लगे है,
मिल गया कोई और या मेरे इश्क़ से डरने लगे है।-
बातों पर उनकी मुझे ऐतबार हो रहा है,
खफा होना तो दूर की बात है,
मुझे तो आज भी उसकी तस्वीर देख कर उस से प्यार हो रहा है।-