"वैसे तो हर दिन हर कोई नही रहता
लेकिन शोर नेता अभिनेता के नाम का होता।"-
"अध्यात्म की यात्रा विरोध से होकर गुजरती।जो पढ़ा सुना देखा सब गलत लगने लगा।
सही वही लगा जो महसूस होने लगा।उसका कोई प्रमाण नही लेकिन वही वास्तविक है।"-
"दिल से चलने वाले यदि दिमाग से चलने लग जाएं।तभी जीवन की बाज़ी पलट जाती है।"
-
"कहा जाता है अकेले नही रह सकते जबकि ऐसा है जो एकांत के साथ जीने लग गया उसे ज्यादा भीड़ की इच्छा कभी नही होंगी।उसका असली सुकुन का स्थान ही एकांत है।"
-
"यकीन रखें परेशानी कितनी ही बड़ी हो आप एक दिन उससे बाहर निकल ही जाते है।
बिना यकीन के कोई बदलाव नही होता।पहले यकीन करना सीखना होंगा खुद पर।जो करेंगे आप ही करेंगे।चमत्कार की उम्मीद ना करें।मेहनत से प्रेम करना शुरू करें।"-
"द्रौपदी का चिर हरण क्यों होता यदि सभा में बैठे लोगों में से कोई विरोध किया होता।ना युद्ध की स्थिति होती ना महाभारत करने की नोबत आती।जो गलत को चुप चाप होते देख रहा है वह भी उस अपराध का अपराधी है।"
-