"यँहा कोई मस्ती नही चल रही।हमारा कुछ अधूरा है उसे पूरा करना हमारा ही दायित्व है।खासकर वे लोग जो पहले सपनों के जीवन में जीते है फिर सपना टूटता है और हकीकत बयां होती है।आप जैसा सोच रहें थे वैसा तो कभी रहा ही नही।
आज सूरत में एक महिला ने अपने 2 साल के बेटे को 13 वी मंजिल से फेंककर खुद भी कूद गई।यदि आप किसी बच्चे को जन्म देते है तो अब आपकीं जिम्मेदारी है उसे बेहतर भविष्य देना।चाहें अब आपकों खुद वह करना पड़ेगा जो आपने आजतक नही किया।घर से बाहर अकेले निकलने से लेकर, कमाना, लोगों की बातों को सुनकर अनसुना करना भी सीखना होंगा।वरना ऐसे निर्णय आपके कर्मों में एक और बोझ बढ़ाते है।इस जीवन से भागकर अगला जीवन फिर यही आएगा।तब तक जब तक व्यक्ति अपने पुराने जख्मों को खुद भरना नही सीख जाता।लोग बुरे नही आपने उनसे कुछ ज्यादा उम्मीदें पाल ली बस वही आपकीं गलतीं है।केवल आप खुद से उम्मीद कर सकते है।ना पति से ना बेटे बहुओं से।स्वयं में राधा बनों।"-
"मैं जो भी करती हूँ किसी को वर्णन देना पसंद नही करती।
मुझें स्वयं में रिस्क लेकें जीनें की आदत है।और वही मुझें सबसे ज्यादा जीवन के प्रति उत्साही बनाता है।साहसी जीवन के लिए साहसी कार्य भी करते रहना चाहिए अन्यथा डर के साथ कोई साहसी नही बन सकता।"-
"मौका सबके पास होता है निर्भर करता है आप अपने जीवन की गाड़ी किस ओर मोड़ते है।
और ये भी जरूरी है लाइफ का स्टेरिंग किसके हाथों में है।"-
"हमारे समाज को आज भी लगता है जो 35-40 का हो गया वह थका हारा जिम्मेदारी से दबा ही दिखेगा।
जो जितना लदा है उतना उसका शरीर निचोड़ा है।यदि उस तनाव को लेने से इनकार कर दे तो यकीनन व्यक्ति 50 में भी 25 की ऊर्जा के साथ जीता दिखेंगा।"-
"मानव जीवन भी एक प्रकार का वनवास है जिसे जियें बिना आप सिर्फ ईश्वर का सानिध्य नही पा सकते।"
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"छोटी-छोटी बातों से परेशान नही उनका समाधान ढूंढने पर ध्यान दीजिए।
ऐसी कोई परेशानी नही जिसका हल ना हो।पर आपकों सही फैसलों के लिए कदम बढ़ाने की हिम्मत करनी होंगी।"-