"घर लौटते समय मेरे बाजू बैठी एक आंटी सिसक-सिसक कर रो रही थी।धर्म से वह मुस्लिम थी।मुझसे रहा नही गया।उन्हें कंधे पर प्रेमपूर्ण स्पर्श से पूछा आंटी आप रो क्यों रहें है?वह थोड़ी संभली उन्हें पानी पिलाया।थोड़ी देर बाद फिर उन्हें रोना आ गया।इस बार उनसे पुनः पूछा और बोला आप बता सकती हो मुझें।तब उन्होंने पूरी बात बताई जो ट्रेन में चढ़ते समय लोगों (धर्म से हिंदू)द्वारा व्यवहार से उनके पति ने उन पर ही हाथ उठा दिया।यही बात उन्हें दिमाग में बार-बार याद आ रही थी।उनका कहना था ऐसा कभी नही हुआ।कभी हाथ नही उठाया।लेकिन आज के तनावपूर्ण माहौल में जो व्यवहार आपस में किया जा रहा है वह उनके लिए भीतर ही भीतर उन्हें काट रहा था।उनके आँसू पोछे उन्हें संभाला उनका दिमाग डाइवर्ट किया।काफी सारी बातें की।मेरे लिए केवल वह इंसान है।और जब कोई दुःखी होता है मेरा दिल भी दुःखी होता है।उनका नाम नाज़िया था।खैर आखरी में जाते वक्त वे बोली दिल हल्का हो गया बात करके।और इस बार उनके चेहरे पर मुस्कान थी।"
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"यदि आपकों किसी की कोई आदत अच्छी लगती है तो कोशिश करें उसे अपने में उतारने की।वह तो केवल कोशिश करने से होंगा।बिना कुछ किये आपमें बदलाव कैसे होंगे।
किसी को गाली देने की आदत होती है।तब उसे भीतर से बार-बार याद दिलाते रहना होंगा।मुझें गाली नही देनी।एक समय आप स्वयं में बदलाव देखेंगे।झूठ बोलने गलत आचरण करने वालों से खुद को दूर रखें।उनकी परछाई भी आपका काम बिगाड़ सकती है।संगत हमेशा अच्छे की करिये।"-
"श्रीकृष्ण की 64 कलाओं में से आपमें कितनी है??
यदि आप उस पर ध्यान दे तब आप भी श्रीकृष्ण सी छवि अपने में बना सकते है।लेकिन हर कोई खुद पर काम नही करना चाहता है।जैसा चल रहा है बस चलता जाएं और एक दिन इस जीवन से मर के चले जाएं।"-
"दिमाग से किसी छोटी-छोटी बातों को पकड़ने के बजाय बड़े लक्ष्यों का पीछा करें।आप तनाव और माइग्रेन से मुक्त हो सकते है।"
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"हालात शुरू-शुरू में बदल या रोक सकते है बाद में तो बात हाथ से निकल जाती है।सही समय ना चुकें।"
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"महाकाल की महिमा सुनें।
11 मई(रविवार) को हम उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में थे और ईश्वर से प्रार्थना कर रहें थे युद्ध खत्म हो शांति बनी रहें।और फिर खबर आती है सीज़फायर हो गया।हर हर महादेव🙏😇।भोले की महिमा केवल भोलेनाथ ही जानते है।"-
"यदि आप किसी के जीवन में परेशानी देंगे बदले में 10 गुनी पाने के लिए तैयार रहें।
आपके भाव,शब्द, व्यवहार, वाणी, तिरस्कार सब ईश्वर द्वारा नोटिस किया जा रहा है।"-
"सेंसेटिव माहौल में कुछ भी असंवेदनशील बोलने से पहले हजार बार सोचें।आपके शब्द आग में घी डाल रहें है या पानी बनने की भूमिका निभा रहे है।"
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