वो जब उसकी छोटी सी काया पर हाथ रखा
तो ज़ोरों से धड़कता दिल महसूस हुआ
जिसकी रफ़्तार लगभग दोगुनी थी मेरी धड़कनों से
और इस स्पर्श से वो चौंक कर जागा नींद से
फिर नन्ही सी हथेली में जकड़ ली मेरी एक उँगली
मानो कह रहा हो कि में जानता हूँ तुम्हे और
स्पर्श को तुम्हारे , चेहरा नहीं समझता पर
जानता हूँ ख़ुशबू से तुम्हें, मैं आवाज़ सुनता हूँ
तुम्हारी और लगता है कि बातें करती हो
तुम ढेरों मुझसे रात दिन
वो एक पल में इतना सब कह गया
माँ होने का एहसास करा गया
कि अब ये रातें भी उसकी और नींद भी उसकी
अब मेरी हँसी भी उसकी और पहचान भी उसकी
दर्द मौत से बढ़कर हुआ था और सहना भी आसान न था
पर सह लिया सब और फिर एक साथ जन्म हुआ
हम दोनों का एक माँ और बच्चे के रूप में
और चूम लिया उसका माथा मैंने
एक मौन स्वीकृति के साथ-
वो रात सुहानी कहता है
कुछ बात रूहानी कहता है
वो नज़रों से ही पढ़ कर मुझको
एक नई कहानी कहता है-
कुछ अधूरे सपने हैं
कुछ अधूरे वादे हैं
कुछ तन्हा भी पूरे हैं
कुछ मिलके भी आधे हैं-
नज़रें शर्म से नहीं हया से वो झुकाती है
रसोई शौक से नहीं प्यार से वो महकाती है
सूरत भोली, मज़बूत कंधे और बातें करे ज़माने की
क़द छोटा, दिल बड़ा और हँस के सारे ग़म भुलाती है
और बाज़ार से ख़रीददारी वो सबकी करे
पर अपना वाला थैला अक्सर ख़ाली ले आती है
बात बात पर रोना नख़रे और ग़ुस्सा दिखाना
पर जब मुस्कुरा दे एक बार तो पूरा घर वो चहकती है-
हमें लगा तुम बदले और
तुम्हें लगा हम बदल गये
असल में तब वक़्त बदला था
और अब रिश्ते बदल गये-
आज दिल फिर बेचैन बहुत था
ख़ामोशी में भी शोर बहुत था
ढूँढने ख़ुद को ख़ुद के लिए
ख़ुद से मिलना था मुझे
ख़ुद में खोने के लिये-
The painful lines
The tears behind
Rain pours the life
On greens to thrive-