"इरशाद" लफ़्ज-ए-तसल्ली तो फक़त एक तकल्लुफ़ है,
जिसका दर्द उसका दर्द बाकी सब अफसाने हैं...इर्श-
6 AUG 2022 AT 1:52
11 JUL 2022 AT 0:09
हर एक दर्द की शिद्दत छिपाई गई,
"इरशाद" ईद तो आख़िर ईद है हर हाल में मनाई गई...इर्श-
7 JUL 2022 AT 23:40
इश्क़ है तो जाहिर कर, बनाकर चाय हाजिर कर,
अदरक डाल या डाल इलाईची, कूटकर मोहब्बत भी शामिल कर...इर्श-
3 JUL 2022 AT 18:44
सबको खबर थी मेरे कच्चे मकान की,
"इरशाद" फिर भी लोगों ने दुआ़ में बरसात मांगी...इर्श-
21 JUN 2022 AT 23:23
जो June की गर्मी को January की ठण्ड में बदल दे,
बेशक़ वही ख़ुदा है...इर्श-
19 JUN 2022 AT 22:04
"इरशाद" उसने पूछा भी लेकिन मैंने कहा कुछ नहीं,
दिल से उतरे हुए लोगों से शिकायत कैसी...इर्श-
17 JUN 2022 AT 23:37
ये बून्द-बून्द सी बारिश किसी की यादों की,
मेरा सब्र का कच्चा मकान गिराएंगी...इर्श-
13 JUN 2022 AT 18:38
किसी से गुण मिले या ना मिले राय मिलनी चाहिए,
पूरे दिन की थकान के बाद, एक कप चाय मिलनी चाहिए...इर्श-
3 JUN 2022 AT 16:18
दुआ़-ए-सफर पढ़ी और फूंक दी उस पर,
"इरशाद" उसे लगा था मैं पैर पकड़ कर रोकूंगा...इर्श-