तजुर्बा कहता है कि…
युवा अवस्था को ख़राब करना भी एक अपराध ही है,
जिसकी सजा आजीवन भुगतनी पड़ती है
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Irshad Ali Asad
(आई. ए. असद ✍)
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उत्तराखंड न्याय विभाग
शायरी, ग़जल, कविता एवं पंक्ति प्रेमी
कला एवं प्रकृति, शौंदर्य एवं शृंग... read more
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Joined 27 May 2019
3 MAR 2024 AT 10:27
25 SEP 2020 AT 22:29
न माँझी, न हमसफ़र, न हक़ में हवाए
कश्ती भी जर्जर है, ये कैसा सफ़र है ।-
16 JUL 2020 AT 9:24
अफसोस इस बात का नहीं है कि मौत बेरहम है।
अफसोस इस बात का है कि अस्पताल बेरहम क्यों है?
(आईने के सामने)-
3 JUL 2020 AT 1:36
मरा जो कोरोना से, अच्छा हुआ ‘असद’
कर्ज ही होता, मरता जो खुद की मौत
मरने की भी रश्में बना डालीं साहब
रिज्क-ओ-गिज़ा कुछ नहीं, कर रहा फ़ाका
मरते - मरते, मरने से रुक गया ग़रीब
दफ़नाने मुझको आये तो खायेंगे क्या रकीब
ख़बर मिलते ही मरने की, छोड़ दिया खाना
पिछली दफ़ा दफ़न में, उम्दा मिला खाना
बबा का मौसम, खूब चला ज़ाना
न मिलेगा लाशा, न बनेगा खाना-
28 JUN 2020 AT 15:53
जालिम है सितमगर, अब इससे क्या उलझूँ
नादाँ है ये दुनिया, चल यहां से परवाज कर।-