एक काम कर दो मेरा
एक ज़ख़्म सिल दो मेरा,
भरकर अपनी याद के धागे
लेकर सुई बेवफ़ाई की आगे,
लपेट कर कफ़न में उस रात की बातें
दफ़न कर दे इस 'दिल' के कोने में,
कुछ इस तरह सिलना छाती को
कभी याद न आए तू, इस 'दिल-ए-पापी' को
एक काम कर दो मेरा, एक ज़ख़्म सिल दो मेरा ....🖤-
गर इल्म है तुम्हें "इश्क़" का जरा भी
तो मुझे दोबारा, मोहब्बत करना सिखा दो ...🥀-
मुझे छोड़ वो मेरे यार से 'मोहब्बत' निभा रही है
रब जाने कैसी फितरत है उस बेवफा की
इसी वक़्त तो शुरू की थी उसने मुझसे "इश्क़" की बातें
अब वो मेरी ही 'शायराना बातें' किसी और को सुना रही है ...-
नज़रों से कुछ ऐसा बोल
दिल मेरा भी पिघल जाए,
एक लम्बे अरसे बाद मिल रहे हैं
मेरी दिली ख्वाहिश है .....
एक बार ये लफ्ज़ तो मिल जाएं-
हो जा तू भी किसी और का
इक अरसे बाद मुझे भी आजादी मिलेगी,
मेरी जो बद्दुआ रही तेरे साथ तो
रब करे "इश्क़" में तुझे भी बर्बादी मिलेगी ...-
पहली मरतबा मेरे यार का 'दिल' टूटा है
तब से वो अपने करीबियों से भी रूठा-रूठा है,
उसे मैंने हजार दफा कहा है ....
उस नाचीज़ के लिए बेहतरीन रिश्ते क्यूं खो रहा है
पर वो सुनता कहां है मेरी, दिन-रात बस उसी के लिए रो रहा है,
अब वो उस बेवफा से वापस आने की मिन्नतें कर रहा है
न जाने क्यूं वो पागलपन में खुदकुशी करने की बातें कर रहा है
मेरी कल मुलाकात हुई उसकी माशूका से ....
मैंने बताया उसे,
वो तुम्हारे लिए पल पल मर रहा है
बड़े गुरूर से बोली ....
मरता है तो मर जाने दो, मैं क्यूं फिक्र करूं उसकी
वो मेरा क्या लग रहा है-
यार भी राह की दीवार समझते हैं मुझे
मैं समझता था मेरे यार समझते हैं मुझे
-'शाहिद ज़की'
-
कुछ नायाब यार हुआ करते थे मेरे किसी जमाने में
अब तो वो सिर्फ़ 'मतलबी यारियां' निभा रहे हैं
जब तक महबूबा थी साथ में, नज़र ही नहीं आए
अब जो दिल टूट गया है उनका
तो वह मीलों दूर से, हमसे मिलने आ रहे हैं
ऑनलाइन तो बहुत मिले होंगे, पर नहीं मिला होगा कोई
साथ में बैठ कर दिल की बातें सुनने वाला
इसलिए अपना 'किस्सा-ए-मोहब्बत' हमें सुनाने आ रहे हैं ....-
वो जो हमसे बिछड़ गया था कभी
अब दोबारा मिलना चाहता है
मैंने इक शायरी में जिक्र किया था कि
'दिल' लौटा जाना मेरा अगर अपनी खैरियत चाहता है
इसीलिए इक लंबे अरसे बाद वापस तो आया है वो बेवफा
शायद मेरा 'दिल' वापस करना चाहता है
खैर छोड़ो उसकी वफ़ा और बेवफाई की बातें
अब मैं किसी और को और 'वो किसी और को चाहता है'-
काम की कुछ बात करते नहीं
बस यूं ही दिल जलाने वाली बातें किया करते हो,
अरे जनाब! हमने छोड़ दिए हैं वो रास्ते
और तुम आज भी
उन 'मोहब्बत' वाली रातों का जिक्र किया करते हो-