तुम्हारी बातों में वो पहले सी बातें नहीं है
और तुम कहते हो, पहले सी वो रातें नहीं हैं...-
सुनो ! टूट जाओ तो खुद को समेट लेना,
क्योंकि टूटी हुई चीज़ों को लोग
अक्सर फेंक दिया करते हैं ।-
चीखती रही रात भर,
तरस गई हाल-ए-दिल सुनाने को,
पर कोई आया ही नहीं हमदर्द बन,
हाल-ए-रूह मेरी जानने को !
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तेरी यादों को मुट्ठी में कैद कर,
आसमान में छोड़ दिया..
तुझे जाना है तो जा, आना है तो आ..
ये फैसला भी तुझ पर छोड़ दिया..-
जिंदगी का फलसफा बस इतना है...
जो तेरे दर्द को समझे, बस वही अपना है ।-
कोई याद करे और हिचकी आए...
ये जरूरी तो नहीं,
बादल गरजे और बारिश आए..
ये जरूरी तो नहीं,
मैं तुझसे मोहब्बत करता था...और करता हूं..
तु भी करे..ये जरूरी तो नहीं.. ।-
जिंदगी सबक पर सबक सिखाए जा रही है,
और महंगाई सड़क पर लाए जा रही है ।-
जिंदगी की उलझन में कुछ इस तरह खो गए हैं,
कुछ गलत फैसलों से कुछ अपनों से फासले हो गए हैं।-
बीच समंदर में छोड़ने वाले याद रखना,
ख़ुदा तेरी कश्ती को भी कोई साहिल न देगा ।-
ढूंढा जिसे खूब वो मुझे मिला नहीं,
मुट्ठी में था जो कैद वो मुझे दिखा नहीं ।-