वो एक बात जो मैं कह ना सकी।वो एक बात जो तुम समझ ना सके। -
वो एक बात जो मैं कह ना सकी।वो एक बात जो तुम समझ ना सके।
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पल में गुलशन, पल में वीरान कर देती है तू! -
पल में गुलशन, पल में वीरान कर देती है तू!
एक पखवाड़े की चाँदनी रात के बाद पन्द्रह दिन का अंधेरा,'सब्र' करना मैंने चाँद से सीखा है।। -
एक पखवाड़े की चाँदनी रात के बाद पन्द्रह दिन का अंधेरा,'सब्र' करना मैंने चाँद से सीखा है।।
अनगिनत रिश्ते नाते,सैकड़ो अनकही बातें,हजारों गिले शिक़वे,और....आँसू का बस इक रंग,शायद दुःख की यही परिभाषा हैं -
अनगिनत रिश्ते नाते,सैकड़ो अनकही बातें,हजारों गिले शिक़वे,और....आँसू का बस इक रंग,शायद दुःख की यही परिभाषा हैं
मैं नाराज़गी ज़ाहिर करूँ,उन्हें हैरत भी ना हो।काश कोई इतना बेगैरत भी ना हो। -
मैं नाराज़गी ज़ाहिर करूँ,उन्हें हैरत भी ना हो।काश कोई इतना बेगैरत भी ना हो।
इस तरह मैंने मेरी अहमियत गिरा दी।जब इक अहमक को मैंने सलाह दी।। -
इस तरह मैंने मेरी अहमियत गिरा दी।जब इक अहमक को मैंने सलाह दी।।
कुछ लोग 'उम्र' में बड़े न होते।तो' शायद वें 'कहीं के' न होते।। -
कुछ लोग 'उम्र' में बड़े न होते।तो' शायद वें 'कहीं के' न होते।।
कुछ पूरे हो गये, कुछ करने अभी 'बाकी' हैं।सपने मेरे एक- दो नहीं 'काफी'हैं।। -
कुछ पूरे हो गये, कुछ करने अभी 'बाकी' हैं।सपने मेरे एक- दो नहीं 'काफी'हैं।।
तुम्हारी बातें न्यारी थी।खैर...छोड़ो!!!बातें वो पुरानी थी। -
तुम्हारी बातें न्यारी थी।खैर...छोड़ो!!!बातें वो पुरानी थी।
जो पहले सिर्फ खुश थी, अब वो ख़ुशतर हैं।तुम उसे 'बेख़ुद' ना ही समझो तो बेहतर हैं। -
जो पहले सिर्फ खुश थी, अब वो ख़ुशतर हैं।तुम उसे 'बेख़ुद' ना ही समझो तो बेहतर हैं।