मैं और क्या लिखूं तुम्हारे लिए
तुम हमेशा तुम रहो यहीं काफी हैं मेरे लिए ।।— % &-
Our thought✨✨🪶🪶
पढ़िए पढ़िए👇
🌼💮🌸✨
धीरे–धीरे ढलते सूरज का सफर मेरा भी हैं,
इस दरिया के पार कहीं एक घर मेरा भी हैं।— % &-
आज सड़कों पर लिखे हैं सैकड़ों नारे न देख
पर अन्धेरा देख तू आकाश के तारे न देख
Dushyant Kumar-
उसने कभी सोचा नहीं होगा,
वो इसकदर लिखी जाएगी
मैने भी कभी सोचा नहीं था,
मैं इसकदर पढ़ा जाऊंगा ।।
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सबकी आँखें ,आँखें हैं
उसकी आँखें स्वर्ग समुंदर।
सबकी जुल्फे, जुल्फे हैं
उसकी जुल्फे प्रेम लतर।।-
कोई तेरी खबर हों तो पढूं....
कोई तेरी तस्वीर हो तों देखूं....
मेरे लिए दुनिया की खबर तुम्हीं से हैं
तुम हो इन अक्षरों में तो खबरें हैं,
तुम हो इस दुनिया में तों दुनिया हैं....।
तुम्हारे सिवा कोई और खबर मैं क्या समझूं..
तुम्हारे सिवा कोई और तस्वीर में क्या देखूं ..
एक आस हैं बहुत दूर कहीं,
एक ख्वाब हैं बहुत दूर कहीं....
एक वादा हैं बहुत दूर कहीं ,
एक इरादा हैं बहुत दूर कहीं....
वो कल अब और दूर नहीं,...
वो कल कभी तो आयेगा .... ।। Ã-
कुछ दूर साथ चलो उस मोड़ तक ही ,
जब मोड़ आएगा मैं बतलाऊंगा ही नहीं।।
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कहानी ऐसे खत्म हुई और ऐसे खत्म हुई ,
के लोग रोने लगे तालियां बजाते हुएं ।।-