ज़माने मैं भी एक जमाना जारी है
यहा इमान पे नोटो का फरमान जारी है
मोहब्बत भी नए मुकाम पा रही हैं
दिल किसी और तो जिस्म किसी और पे जारी है।-
मोहब्बत तो आज भी सिर्फ तुझसे हैं लेकिन
तुझे अपना बनाया नहीं जा सकता,
गंगे पाप तो धोती देती है लेकिन
उसमें गुनाहों को मिटाया नहीं जा सकता,
दामन तो काला भी धोया जा सकता है लेकिन
रूह का दाग कभी मिटाया नहीं जा सकता।
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Iss Duniya ki mehfil mai
Mohabbat ka sahara mat lena e dost
Humsafar agar sath na chala
To tum khud rasta bhatak jaoge
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Aye zindagi tu ye to bata
Meri zindagi ek zulm jais hai kya
Na to maine mohabbat ko chuna tha
Na us saksh ko jisse mujhe mohhabat huyi-
E sakhsh tu zara teher jha
Tujhe iski aadat nahi, aadat pad jayegi
Tujhe kahi mohhabat ka masla to nahi
Tu dar na kar me bewafa to nahi-
हमसफर मंज़िल नहीं
खूबसूरत सा ये सफर है जनाब
मंज़िलें तो बदल जाया करती है
मंज़िल पाने के बाद।-
किसीने कहां कि तू मेरे साथ चले
बस तू सिर्फ मुझसे बात करे
तेरा यूह दूर रहना मंजूर हैं
मगर तू ही रूठ जाए तो क्या करें।-
तुम खोये से मुसाफिर लगते हो,
जगह ये मोहब्बत की नहिं
तुम रुह से दिल लगाते हो
यहां लोग कागज पे मरते हैं।-
कि बड़ा हि जालिम किरायेदार है मेरा
न घर में रहता है न घर खाली करता है
कि एक दफा इत्तला तो करते हमें
हमारे दिल में घर बनाने से पहले।-
नज़र को तो कहीं अच्छे लगे थे जनाब
पता नहीं वो किस गली से आए थे,
भूल जाते वरना उसे भी हम
कमबख्त वो दिल मे उतर आए थे।-