मेरे इश्क़ को तेरा एहसास ही काफी था ना बोला मैंने कभी मुझे सीने से लगा लो, ना ही बोला कभी मुझे मुझसे चुरा तुम्हारे इन जिस्मानी मोहब्बत से दूर मेरे इस अधूरे इश्क़ को बस तेरी बेवफाई से ही माफ़ी था...... मेरे इस पाकीज़ा से इश्क को तुम्हारे होने का एहसास ही काफी था....
वक़्त लगेगा थोड़ा हमे पर हम भी बदल जाएंगे....! जिस कदर की बेवफाई तूने उस बेवफाई का मतलब हम तुझे समझायेंगे...!! और जो तू चार लोगों में बैठ के दर्दे बया करता है न मेरी जान....! एक दिन तेरी बेवफाई के किस्से हम पूरी दुनिया को बताएंगे....!!
ज़िन्दगी के एक मोड़ हम मौत को गले लगा बैठे ....!! इश्क़ करने चले थे इस खता की सजा भी पा बैठे....!! अब नफरत सी हो गयी है इश्क़ के नाम से भी मीठी बातो से दिल तोड़ना आदत था उसका हम उसकी आदतों को हकीकत मान उसके लिए जो उम्मीदे जगा बैठे...!!
कशिश नही तेरे जिस्म को पाने की...!! बस कोशिश है तेरे रूह में समाने की....!! मेरे इश्क़ पर कभी शक न करना तुम.…!! तुझबिन फिकी है खुशिया सारी इस जमाने की...!!
तुम क्या करोगे बर्बाद मुझे मैं खुद ही बर्बाद हूं .....!! जख्म दोगे जितने मुझे मैं उन जख्मो से आबाद हूं ....!! और मुझे छोड़ कर तुम कब तक खुश रहोगे तुम्हे हसते हुए भी रुला देगा जनाब मैं तेरे जिंदगी की वो याद हूं .....!!