Iñdu Nàrëñ Vèrmã   ("indu's ink"✒️)
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"राजस्थानी रंगीली"😍
Joined 14 December 2016


"राजस्थानी रंगीली"😍
Joined 14 December 2016
21 JUL 2023 AT 17:45

सुना है दो बेटियां निवस्त्र कर घुमाई है
इंसानी भेड़ियों ने औकात झुंड में दिखाई है
कानून अंधा होने का
फर्ज बखूबी निभा रहा
मीडिया भी खबर बेकार की
मसाला लगा कर दिखा रहा
गूंगी बहरी इस सत्ता को
अपनी व्यथा सुनाती कैसे
सहस्त्र कुक्कूरों से घिरी,
वो शस्त्र कोई उठाती कैसे
कृष्ण भी तो नहीं था वहां कोई
द्रोपदी खुद की लाज बचाती कैसे
खुद की लाज बचाती कैसे.....😥
"इंदु"

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12 AUG 2022 AT 15:27

हम वो हैं "तिरंगा" जिनकी "धड़क" में हमेशा रहेगा,वो नहीं जो "तिरंगा"आज लगा लें छत पर फिर कल "सड़क" पर मिलेगा......

ये तीन रंग नहीं "रंगोली" के
ये रंग हैं "भारत माँ" की झोली के 🇮🇳

PS- संभाल सकें तभी ये कमान संभालना क्योंकि सम्मान करेंगे तभी तो अभिमान करेंगे😊🇮🇳

जय हिंद 🙏


"हर मन तिरंगा"🇮🇳

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6 JUL 2022 AT 11:26

दैहिक प्रेम में सबसे खूबसूरत क्रिया होती है
"माथे को चूमना" ❤️

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7 MAR 2022 AT 21:59

वार त्यौहार ,लगातार,बना के देवी चाहे न "पूजना"
जता के प्यार,कभी कभार, दिल का हाल जरूर पूछना....

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25 FEB 2022 AT 8:52

"सुख" और "दुःख" के संदर्भ में अधिकतम और न्यूनतम की कोई सीमा नहीं होती....

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4 JAN 2018 AT 13:25

मनमीत हो तुम,संगीत हो तुम
हर हार पर मेरी,जीत हो तुम
नज़रों का तुम्हारी,यूँ नज़रों से मिलना
सूरज की किरणों का,ज्यूँ धरती पर पड़ना
जन्मों के रिश्तों की,सौगंध हो तुम
और फूलों से आती,सुगंध हो तुम
सामने जो आओ,शर्माना सकुचाना
तुमसे यु मिलकर,सब भूल जाना
मेरा मान हो तुम,हाँ अभिमान भी तुम
जो जिस्म हूँ मैं,तो जान हो तुम...
मेरे नाम से जुड़ा वो अंत हो तुम
हूँ आवारा सी मैं,मेरे संत हो तुम


"नरेन्दू"💕

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18 OCT 2017 AT 16:40

"उम्मीद से जलते दिये"
(Read in caption👇)

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6 APR 2017 AT 22:13

गोल गोल इस दुनिया में भी
है खुशियों वाला इक कोना
ये खुशियाँ इतनी महंगी भी नहीं
दाम है इनका ओना पौना
खुद पर तुम विश्वास रखो
और हिम्मत कभी न खोना
कर्म निरंतर करते रहना
रोना किस्मत का न रोना
समझो कीमत हर इक की
वो मिट्टी हो या सोना
होगी सगाई सपनों से फिर
और निश्चित होगा गौना ;)



© "इंदु रिंकी वर्मा"

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13 JAN 2022 AT 22:24

"हाथ" की देखो मिटी लकीरें ✋
"हाथी" हो गया ढीठ🐘
"साइकल" की भी चैन उतर गई🚲
"कमल" में भर गया कीच....

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12 JAN 2022 AT 13:42

"विवेक" की कमी और "आनंद" की अति
तुम्हे कभी "विवेकानंद" नहीं बनने देगी....

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