सुना है दो बेटियां निवस्त्र कर घुमाई है
इंसानी भेड़ियों ने औकात झुंड में दिखाई है
कानून अंधा होने का
फर्ज बखूबी निभा रहा
मीडिया भी खबर बेकार की
मसाला लगा कर दिखा रहा
गूंगी बहरी इस सत्ता को
अपनी व्यथा सुनाती कैसे
सहस्त्र कुक्कूरों से घिरी,
वो शस्त्र कोई उठाती कैसे
कृष्ण भी तो नहीं था वहां कोई
द्रोपदी खुद की लाज बचाती कैसे
खुद की लाज बचाती कैसे.....😥
"इंदु"-
हम वो हैं "तिरंगा" जिनकी "धड़क" में हमेशा रहेगा,वो नहीं जो "तिरंगा"आज लगा लें छत पर फिर कल "सड़क" पर मिलेगा......
ये तीन रंग नहीं "रंगोली" के
ये रंग हैं "भारत माँ" की झोली के 🇮🇳
PS- संभाल सकें तभी ये कमान संभालना क्योंकि सम्मान करेंगे तभी तो अभिमान करेंगे😊🇮🇳
जय हिंद 🙏
"हर मन तिरंगा"🇮🇳-
दैहिक प्रेम में सबसे खूबसूरत क्रिया होती है
"माथे को चूमना" ❤️-
वार त्यौहार ,लगातार,बना के देवी चाहे न "पूजना"
जता के प्यार,कभी कभार, दिल का हाल जरूर पूछना....-
"सुख" और "दुःख" के संदर्भ में अधिकतम और न्यूनतम की कोई सीमा नहीं होती....
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मनमीत हो तुम,संगीत हो तुम
हर हार पर मेरी,जीत हो तुम
नज़रों का तुम्हारी,यूँ नज़रों से मिलना
सूरज की किरणों का,ज्यूँ धरती पर पड़ना
जन्मों के रिश्तों की,सौगंध हो तुम
और फूलों से आती,सुगंध हो तुम
सामने जो आओ,शर्माना सकुचाना
तुमसे यु मिलकर,सब भूल जाना
मेरा मान हो तुम,हाँ अभिमान भी तुम
जो जिस्म हूँ मैं,तो जान हो तुम...
मेरे नाम से जुड़ा वो अंत हो तुम
हूँ आवारा सी मैं,मेरे संत हो तुम
"नरेन्दू"💕-
गोल गोल इस दुनिया में भी
है खुशियों वाला इक कोना
ये खुशियाँ इतनी महंगी भी नहीं
दाम है इनका ओना पौना
खुद पर तुम विश्वास रखो
और हिम्मत कभी न खोना
कर्म निरंतर करते रहना
रोना किस्मत का न रोना
समझो कीमत हर इक की
वो मिट्टी हो या सोना
होगी सगाई सपनों से फिर
और निश्चित होगा गौना ;)
© "इंदु रिंकी वर्मा"
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"हाथ" की देखो मिटी लकीरें ✋
"हाथी" हो गया ढीठ🐘
"साइकल" की भी चैन उतर गई🚲
"कमल" में भर गया कीच....-
"विवेक" की कमी और "आनंद" की अति
तुम्हे कभी "विवेकानंद" नहीं बनने देगी....
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