कोरोना को है जंग में गर हराना,
सरकार से होगा कंधा मिलाना।
मंदिर मस्जिद सब घर को ही मानो,
पूजा इबादत को बाहर क्यों जाना ।
सुनें देशवासी यही आरजू है,
कुछ दिन घरों में यूं ही बिताना।
जीवन को कुछ दिन अकेला बना दो,
महंगी पड़ेगी यारी निभाना ।
मगर जो हैं मुस्तैद इस आपदा में,
एहसान उनके न यों भूल जाना।
मनोबल ना उनका गिरे इस घड़ी में,
दीए जलाकर के हिम्मत बढ़ाना,
जरूरी है घर में दीपक जलाना।।
इन्द्रेश यादव
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