Indraj Gaur   (iNDU⭐)
631 Followers · 36 Following

read more
Joined 15 February 2018


read more
Joined 15 February 2018
7 JUN AT 23:31

अपनी सिसकियों का शोर दबा न सका
वो जितना था उतना भी, बचा न सका ..

-


4 JUN AT 18:57

रुत, फिज़ा, मौसम, ये आलम सब तुम्हारे नाम है
फूल, खुशबू, चांद और बादल सब तुम्हारे नाम है..

-


3 JUN AT 21:59

तय हो ना जब, होना प्रतीक्षा का
निकलेगा क्या करके समीक्षा का

प्रतिबंध लगा कर ,प्रेम करने वाले
प्रसारण कर रहे है कैसी शिक्षा का

जब मोल जाना जाते भिक्षुक का
लज्जित करता है ऐसी भिक्षा का

होकर करुण नित न्योछावर होना
वृक्षों ने मान बढ़ाया परम दीक्षा का

मिल जाए गर, सानिध्य उसका इंदु
कुछ हल निकलेगा, मेरी विवेक्षा का..

-


2 JUN AT 21:55

लुखी मिसी..

-


2 JUN AT 21:15

कभी कभी, कब कहां नसीब चलता है
यहां रास्ता, मंजिलों के करीब चलता है

सड़कों से दूर बनी हुई पगडंडियां भी है
ये और बात उनपे बस गरीब चलता है..

-


30 APR AT 21:55

बिरखा री रुत कद आवेली
आसां री टाणी मुरझावेली

ओल्यू तो आवे पण सागे
नैण नीर, झर झर जावेली..

-


29 APR AT 21:57



कितनी बु आती है आदमी में इंदु
इंसान जब हैवान दिखाई पड़ता है..

-


16 APR AT 20:29

पैर जैसे है, इस सफर में है
खैर उनकी हो जो घर में है

मुफलिसी ऐसी के छोड़े ना
जान, जाने के चक्कर में है

फुटपाथ, रोज़ सोचती होगी
वो भी जायेंगे जो बिस्तर में है

मुझको होना है उससे ज्यादा
जो लिखा हुआ, मुकद्दर में है

बेबसी भी तो अपनी जगह है
पर आग अपने भीतर में है

नूर ऊनका ही रह गया है इंदु
जो तीरगी की टक्कर में है..📝

-


14 APR AT 23:08

प्रतीक्षार्थी..

-


12 APR AT 8:14

लुटाता रहा था जो, उसी, को लूट ले गया
लुटेरा था कोई ऐसा सभी को लूट ले गया..

-


Fetching Indraj Gaur Quotes