Indra.Khwab   (Indra.Khwab)
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जिन लम्हों को कभी जिया नहीं
उन्हें लिखा है मैने कविताओं में♥️✍️
Joined 25 August 2019


जिन लम्हों को कभी जिया नहीं
उन्हें लिखा है मैने कविताओं में♥️✍️
Joined 25 August 2019
4 FEB AT 18:29

कहानी :- स्पर्श

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9 AUG 2024 AT 9:23

सुनो!
तुम मुझे दिल में बस इतनी जगह देना...
अगर उदास रहूं मैं
तो बेचैनी तुम्हे भी हो।

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31 JUL 2024 AT 8:58

घाट किनारे बैठे-बैठे बोर हो रहा था

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31 JUL 2024 AT 8:55

आखों में नमी हैं
वो चमक जिस पर तुम्हारा चेहरा बसा कर
एक ब्रह्माण्ड बनाया था
वो अब किसी के हाथ लग गया हैं।

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29 JUL 2024 AT 16:26

विरह की स्थिति में गले मिलेंगे, रोएंगे
यह मेरी कल्पना थी
लेकिन तुमने मेरे हाथों में खत थमा कर
अनकहे शब्द कह दिए

मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी
तुम बस अपनी आंखें बंद करके महसूस करना
मैं दौड़ी चली आऊंगी तुम्हारे पास
यह कहकर तुमने मुझे पारितोषिक किया

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28 JUL 2024 AT 22:31

कुछ भी नही संभल रहा
सिवा तुम्हारी स्मृति को संभालने के

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27 JUL 2024 AT 19:15

मैने तुम्हारे प्रति अपने एहसास को
डायरी के कोरे पन्नों में उतारा है

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27 JUL 2024 AT 13:24

तुम एक रोज मेरी यादों में आना

ऐसा करना तुम मेरे आसुओं का हिस्सा बन जाना...

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26 JUL 2024 AT 9:47

तुम्हारी यादों की
यह भीनी सी महक
कई अरसे बाद अपनी सांसों में महसूस किया है मैने,
तुम बस इतनी सी कोशिश करना
कि यह मुझसे मिट ना जाए...

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24 JUL 2024 AT 16:27

यदि तुम समझते हो विरह का अर्थ
तो तुम समझते हो की पीड़ा क्या है...

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