Indifferent Life   (मनीष बरनवाल [माहीं])
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Joined 25 February 2018


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8 AUG 2024 AT 22:56

हर ख्वाब टूट कर बिखर गया है,
आस की किरने भी अब मर गई हैं..
आंखों में नींद का कहीं नामो-निशान नहीं,
फिर भी हम ख़्वाबों के इंतजार में बैठे हैं..
हर पल की तन्हाई अब दोस्त सी लगती है,
गम की घुटन ही अब अपनी सुकून सी लगती है
हँसी तो दूर, मुस्कान भी गुमसुम है,
दिल की वीरानी को खुद से बेकरार कर बैठे हैं..
हम जिंदगी की राहों में भटकते रह गए,
कभी कहीं ठहरे नहीं, बस चलते रह गए..
अब इन अंधेरों में उजाले की चाह नहीं,
हम खुद अपने अंधेरे में गुमशुदा बैठे रह गए..
हर उम्मीद का दिया बुझ चुका है,
अरमानों का जहां अब वीरान सा है..
हमने खुद को ही खो दिया है,
और इस खोने के दर्द को हम गले लगाए बैठे हैं…!

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28 JUL 2024 AT 10:37

मैं अनजाना प्रेम की चेष्टा कर बैठा ,
ये सोचे बिना की..
उनकी प्राथमिकता में हम अंत में भी नही…!

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21 JUL 2024 AT 13:59

उसकी तारीफ में एक और पन्ना लिखना चाहते हैं,
उसे आखिरी बार अपना लिखना चाहते हैं..
वो खुश है किसी और के करीब रह कर,
उसकी खुशियों को नजर न लगे बस इतना चाहते हैं..
गले लगाने की तमन्ना अब भी बाकी रह गई है,
पर उसकी हर ख्वाहिशें पूरी हो बस इतना चाहतें हैं...
बची हो जब चन्द दिनों की जिंदगी,
तो उसके शहर से गुजरना चाहते हैं..
उसकी अनकही हर बात का,
हम जवाब देना चाहतें हैं...
और जब मौत आये तो वो सामने हो मेरे,
मेरे मरने के बाद वो तड़प उठे…
एक बार मुझे गले लगाने को,
बस इतना चाहते हैं...!

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14 JUL 2024 AT 12:26

फकत मैं उसकी मोहब्बत की मिशाल लिए बैठा हूं,
जिंदगी के किस्से कमाल लिए बैठा हूं..
चंद खुशियों के लिए,तबाही के साथ चल कर के,
खुद से बिछड़ने का मलाल लिए बैठा हूं..
मुसलसल,निगाहों की दुरिया भी थी दरमिया हमारे,
पर उन्हे खबर तो थी,मैं दिल का कैसा हाल लिए बैठा हूं..
फिर उनकी तलब ने निगल लिया, हमारी शिकायतों को,
और फिर भी मैं उनके ख्वाब और ख्याल लिए बैठा हूं..
कसमकस भरे हमारे रिश्ते की हकीकत बस इतनी है,
जितेजी जिस्म से रूह निकाल लिए बैठा हूं…!

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23 JUN 2024 AT 2:04

आज तुमको अपनी हर परेशानी से आज़ाद करते है
जाओ तुम्हें तुम्हारे नए जीवन के लिए आशीर्बाद देते है
तुम कहती हो कि माफ़ कर दो मुझे
आज हम तुमको अपने दिल से माफ़ करते है
खुश रहो हमेशा अपनी परिवार के साथ
ख़ुदा की रहमत बरसे तुम पर और तुम्हारे बेटे पर
हद से ज़्यादा मोहब्बत करने का यही अंजाम होता है
लड़की तो आबाद हो जाती है लड़का बर्बाद हो जाता है
ख़ैर जो भी आज तक बुरा लिखा और तुमको बुरा कहा
उसके लिए माफ़ करना और अपनी ज़िंदगी आसान करना

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15 JUN 2024 AT 7:41

मैं उस पर एक नज़्म नहीं
पूरी गजल लिख सकता हूँ..
बिना उसको बताये
सिर्फ उसको देख कर पूरी जिंदगी गुजार सकता हूँ...
वो बेशक मेरी नहीं है
पर उसके वापस आने के इंतज़ार में
पूरी ज़िन्दगी रास्ता निहार सकता हूँ....
आँखों में उसकी कमी जो कभी दिखेगी
और अगर वो चाहे कि किसी को पता न चले तो...
मैं चेहरे पर काला चश्मा लगा कर
सारे दर्द उसकी आड़ में छुपा सकता हूँ...
उसको यकीन हो या न हो मुझे नहीं पता
लेकिन सच यही है कि
मैं आज भी उससे प्यार करता हूँ....
लेकिन ये भी सच है वो मुझसे इश्क़ नहीं
सिर्फ़ दिल्लगी करती है
अपने मन के मुताबिक़ ही वो मुझसे बात
करती है

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9 JUN 2024 AT 21:30

दुनिया का सबसे बड़ा दुख है,
अपनी आँखों के सामने अपनी…
मोहब्बत की शादी देखना,
और उस से बड़ा दुख है उसकी,
गोद में किसी और की निशानी देखना…!

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2 JUN 2024 AT 22:24

पर ये दिल है कि समझता ही नहीं है…
सिर्फ आवाज और लफ़्ज़ ही नहीं,
मेरी खामोश निगाहें भी तुम्हें ही ढुंढती है...!

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22 MAY 2024 AT 23:51

लगता है जैसे ज़िंदगी रुक सी गई हो
साँसें थम सी गई हो
आँखों के आशू का बहना बंद हो गया हो
अपने आप को खो दिया हो
अपने हाथों से अपनी दुनिया तबाह कर दिया हो
और ख़ुद को ख़ुद के लाश के साथ सो गया हूँ

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13 MAY 2024 AT 9:27

इश्क़ लड़ाने या इश्क़ करने के लिए तो,
लड़कियों और लड़को की कमी नहीं है…
मगर यह ज़रूरी नहीं कि,
जो लड़की तुमसे इश्क़ लड़ाये,
वह तुमसे शादी भी कर ले…
इश्क़ का ताल्लुक़ दिलों से होता है,
और शादी का तनख़्वाहों से…
जैसी तनख़्वाह होगी,
वैसी ही बीबी मिलेगी...!

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