Indifferent Life   (मनीष बरनवाल [माहीं])
4.5k Followers · 4 Following

read more
Joined 25 February 2018


read more
Joined 25 February 2018
16 SEP AT 9:21

आज हम ऐसे समाज में रह रहे है जहाँ,
ख़ुद पर बीते तो secular का नक़ाब ओढ़ लो..
और जब दूसरे पर बीते तो उसका गला काट दो,
और फिर से secular का नक़ाब ओढ़ लो…!

-


30 AUG AT 19:40

खामोश दर्द

दर्द हमेशा चिल्लाकर नहीं आता,
कभी-कभी वो बस आँखों में बैठ जाता है।
लोग हँसते हैं, बातें करते हैं,
पर अंदर का तूफ़ान कोई नहीं देखता।
मैंने भी महसूस किया है उस दर्द को,
जो बिना शब्दों के कहता है—
“मैं हूँ, और मैं तुम्हारे अंदर हूँ।”
हर मुस्कान, हर हँसी बस एक पर्दा है,
जो उसे छुपाने के लिए उठाया गया।
कभी-कभी मैं सोचता हूँ,
क्या दर्द भी अकेला महसूस करता है?
या ये सिर्फ़ इंसानों के अंदर रहकर
अपनी तड़प को दुनिया से छुपाता है?
खामोश दर्द वो है,
जो किसी से बयाँ नहीं होता,
पर हर रात को नींद से पहले
अपनी साज़िश में हमारे दिल को चीर जाता है।
और फिर, सुबह आती है—
सब कुछ वही है, बस दर्द अंदर ही अंदर गूंजता है।
कहीं लिखा नहीं, कोई नाम नहीं,
पर हर धड़कन में बस वही है…

-


13 AUG AT 3:02

ख़ुद को संभालते संभालते कुछ यूँ संभल गए है
जो नहीं बनना था हमे हम वो ही बन गए है
हर रिश्ते को बखूबी निभाया हमने बिना शर्तों के
अब हर रिश्ते में शर्तों की वजह हम बन गए है
इन रिश्तों को निभाते निभाते थक चुके है हम
अब जी चाहता है ख़ुद ख़ुशी कर ले हम
काश ऐसा हो जाये मेरे साथ
एक बड़ा हादशा घट जाये मेरे साथ …!

-


16 JUN AT 22:52

ख्वाब छूटेंगे, दिल टूटेंगे..
अपने मुँह मोड़ेंगे तो क्या..
मैं कौन-सा भीड़ में आया था..
अकेले आया था, अकेले लड़ूंगा
और मारा जाऊंगा…!
मेरी चिता पर मैं अकेले सोऊंगा
फिर क्यों रोना इस भीड़ के लिए..
क्यों तड़पना दिल की बेवकूफियों पर…
मैं हर युद्ध में अकेले हूँ, दुख में भी..
तो फिर कोई मेरा नहीं तो क्या…!
कोई छोड़ गया तो क्या..
कुछ छूट गया तो क्या..
अकेले पड़ गया तो क्या…
मैं पर्याप्त हूँ, स्वयं के लिए..
हर युद्ध के लिए…!

-


10 JUN AT 22:15

*2025*
ऐसा साल है जिस में हमने…
वक्त से पहले मानसून देखा..
मई के माह में जून देखा...

और

सड़क पे *हनीमून* देखा..
हनीमून पर खून देखा…!

-


8 AUG 2024 AT 22:56

हर ख्वाब टूट कर बिखर गया है,
आस की किरने भी अब मर गई हैं..
आंखों में नींद का कहीं नामो-निशान नहीं,
फिर भी हम ख़्वाबों के इंतजार में बैठे हैं..
हर पल की तन्हाई अब दोस्त सी लगती है,
गम की घुटन ही अब अपनी सुकून सी लगती है
हँसी तो दूर, मुस्कान भी गुमसुम है,
दिल की वीरानी को खुद से बेकरार कर बैठे हैं..
हम जिंदगी की राहों में भटकते रह गए,
कभी कहीं ठहरे नहीं, बस चलते रह गए..
अब इन अंधेरों में उजाले की चाह नहीं,
हम खुद अपने अंधेरे में गुमशुदा बैठे रह गए..
हर उम्मीद का दिया बुझ चुका है,
अरमानों का जहां अब वीरान सा है..
हमने खुद को ही खो दिया है,
और इस खोने के दर्द को हम गले लगाए बैठे हैं…!

-


28 JUL 2024 AT 10:37

मैं अनजाना प्रेम की चेष्टा कर बैठा ,
ये सोचे बिना की..
उनकी प्राथमिकता में हम अंत में भी नही…!

-


21 JUL 2024 AT 13:59

उसकी तारीफ में एक और पन्ना लिखना चाहते हैं,
उसे आखिरी बार अपना लिखना चाहते हैं..
वो खुश है किसी और के करीब रह कर,
उसकी खुशियों को नजर न लगे बस इतना चाहते हैं..
गले लगाने की तमन्ना अब भी बाकी रह गई है,
पर उसकी हर ख्वाहिशें पूरी हो बस इतना चाहतें हैं...
बची हो जब चन्द दिनों की जिंदगी,
तो उसके शहर से गुजरना चाहते हैं..
उसकी अनकही हर बात का,
हम जवाब देना चाहतें हैं...
और जब मौत आये तो वो सामने हो मेरे,
मेरे मरने के बाद वो तड़प उठे…
एक बार मुझे गले लगाने को,
बस इतना चाहते हैं...!

-


14 JUL 2024 AT 12:26

फकत मैं उसकी मोहब्बत की मिशाल लिए बैठा हूं,
जिंदगी के किस्से कमाल लिए बैठा हूं..
चंद खुशियों के लिए,तबाही के साथ चल कर के,
खुद से बिछड़ने का मलाल लिए बैठा हूं..
मुसलसल,निगाहों की दुरिया भी थी दरमिया हमारे,
पर उन्हे खबर तो थी,मैं दिल का कैसा हाल लिए बैठा हूं..
फिर उनकी तलब ने निगल लिया, हमारी शिकायतों को,
और फिर भी मैं उनके ख्वाब और ख्याल लिए बैठा हूं..
कसमकस भरे हमारे रिश्ते की हकीकत बस इतनी है,
जितेजी जिस्म से रूह निकाल लिए बैठा हूं…!

-


23 JUN 2024 AT 2:04

आज तुमको अपनी हर परेशानी से आज़ाद करते है
जाओ तुम्हें तुम्हारे नए जीवन के लिए आशीर्बाद देते है
तुम कहती हो कि माफ़ कर दो मुझे
आज हम तुमको अपने दिल से माफ़ करते है
खुश रहो हमेशा अपनी परिवार के साथ
ख़ुदा की रहमत बरसे तुम पर और तुम्हारे बेटे पर
हद से ज़्यादा मोहब्बत करने का यही अंजाम होता है
लड़की तो आबाद हो जाती है लड़का बर्बाद हो जाता है
ख़ैर जो भी आज तक बुरा लिखा और तुमको बुरा कहा
उसके लिए माफ़ करना और अपनी ज़िंदगी आसान करना

-


Fetching Indifferent Life Quotes