ख्वाब छूटेंगे, दिल टूटेंगे..
अपने मुँह मोड़ेंगे तो क्या..
मैं कौन-सा भीड़ में आया था..
अकेले आया था, अकेले लड़ूंगा
और मारा जाऊंगा…!
मेरी चिता पर मैं अकेले सोऊंगा
फिर क्यों रोना इस भीड़ के लिए..
क्यों तड़पना दिल की बेवकूफियों पर…
मैं हर युद्ध में अकेले हूँ, दुख में भी..
तो फिर कोई मेरा नहीं तो क्या…!
कोई छोड़ गया तो क्या..
कुछ छूट गया तो क्या..
अकेले पड़ गया तो क्या…
मैं पर्याप्त हूँ, स्वयं के लिए..
हर युद्ध के लिए…!-
Writer of my mind
Painful😭, Broken Heart 💔
Funny 😂 Boy
Writing is My Hobby
Now a da... read more
*2025*
ऐसा साल है जिस में हमने…
वक्त से पहले मानसून देखा..
मई के माह में जून देखा...
और
सड़क पे *हनीमून* देखा..
हनीमून पर खून देखा…!-
हर ख्वाब टूट कर बिखर गया है,
आस की किरने भी अब मर गई हैं..
आंखों में नींद का कहीं नामो-निशान नहीं,
फिर भी हम ख़्वाबों के इंतजार में बैठे हैं..
हर पल की तन्हाई अब दोस्त सी लगती है,
गम की घुटन ही अब अपनी सुकून सी लगती है
हँसी तो दूर, मुस्कान भी गुमसुम है,
दिल की वीरानी को खुद से बेकरार कर बैठे हैं..
हम जिंदगी की राहों में भटकते रह गए,
कभी कहीं ठहरे नहीं, बस चलते रह गए..
अब इन अंधेरों में उजाले की चाह नहीं,
हम खुद अपने अंधेरे में गुमशुदा बैठे रह गए..
हर उम्मीद का दिया बुझ चुका है,
अरमानों का जहां अब वीरान सा है..
हमने खुद को ही खो दिया है,
और इस खोने के दर्द को हम गले लगाए बैठे हैं…!-
मैं अनजाना प्रेम की चेष्टा कर बैठा ,
ये सोचे बिना की..
उनकी प्राथमिकता में हम अंत में भी नही…!-
उसकी तारीफ में एक और पन्ना लिखना चाहते हैं,
उसे आखिरी बार अपना लिखना चाहते हैं..
वो खुश है किसी और के करीब रह कर,
उसकी खुशियों को नजर न लगे बस इतना चाहते हैं..
गले लगाने की तमन्ना अब भी बाकी रह गई है,
पर उसकी हर ख्वाहिशें पूरी हो बस इतना चाहतें हैं...
बची हो जब चन्द दिनों की जिंदगी,
तो उसके शहर से गुजरना चाहते हैं..
उसकी अनकही हर बात का,
हम जवाब देना चाहतें हैं...
और जब मौत आये तो वो सामने हो मेरे,
मेरे मरने के बाद वो तड़प उठे…
एक बार मुझे गले लगाने को,
बस इतना चाहते हैं...!-
फकत मैं उसकी मोहब्बत की मिशाल लिए बैठा हूं,
जिंदगी के किस्से कमाल लिए बैठा हूं..
चंद खुशियों के लिए,तबाही के साथ चल कर के,
खुद से बिछड़ने का मलाल लिए बैठा हूं..
मुसलसल,निगाहों की दुरिया भी थी दरमिया हमारे,
पर उन्हे खबर तो थी,मैं दिल का कैसा हाल लिए बैठा हूं..
फिर उनकी तलब ने निगल लिया, हमारी शिकायतों को,
और फिर भी मैं उनके ख्वाब और ख्याल लिए बैठा हूं..
कसमकस भरे हमारे रिश्ते की हकीकत बस इतनी है,
जितेजी जिस्म से रूह निकाल लिए बैठा हूं…!-
आज तुमको अपनी हर परेशानी से आज़ाद करते है
जाओ तुम्हें तुम्हारे नए जीवन के लिए आशीर्बाद देते है
तुम कहती हो कि माफ़ कर दो मुझे
आज हम तुमको अपने दिल से माफ़ करते है
खुश रहो हमेशा अपनी परिवार के साथ
ख़ुदा की रहमत बरसे तुम पर और तुम्हारे बेटे पर
हद से ज़्यादा मोहब्बत करने का यही अंजाम होता है
लड़की तो आबाद हो जाती है लड़का बर्बाद हो जाता है
ख़ैर जो भी आज तक बुरा लिखा और तुमको बुरा कहा
उसके लिए माफ़ करना और अपनी ज़िंदगी आसान करना-
मैं उस पर एक नज़्म नहीं
पूरी गजल लिख सकता हूँ..
बिना उसको बताये
सिर्फ उसको देख कर पूरी जिंदगी गुजार सकता हूँ...
वो बेशक मेरी नहीं है
पर उसके वापस आने के इंतज़ार में
पूरी ज़िन्दगी रास्ता निहार सकता हूँ....
आँखों में उसकी कमी जो कभी दिखेगी
और अगर वो चाहे कि किसी को पता न चले तो...
मैं चेहरे पर काला चश्मा लगा कर
सारे दर्द उसकी आड़ में छुपा सकता हूँ...
उसको यकीन हो या न हो मुझे नहीं पता
लेकिन सच यही है कि
मैं आज भी उससे प्यार करता हूँ....
लेकिन ये भी सच है वो मुझसे इश्क़ नहीं
सिर्फ़ दिल्लगी करती है
अपने मन के मुताबिक़ ही वो मुझसे बात
करती है-
दुनिया का सबसे बड़ा दुख है,
अपनी आँखों के सामने अपनी…
मोहब्बत की शादी देखना,
और उस से बड़ा दुख है उसकी,
गोद में किसी और की निशानी देखना…!-
पर ये दिल है कि समझता ही नहीं है…
सिर्फ आवाज और लफ़्ज़ ही नहीं,
मेरी खामोश निगाहें भी तुम्हें ही ढुंढती है...!-