in_saneorator   (In_Saneorator(Pragati))
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Joined 26 April 2020


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Joined 26 April 2020
1 JUL 2020 AT 17:06

Journey started a few years back,
School was over and career opportunities were no less,

Chartered Accountancy was the profession we had selected,
We were all set to get into the list of few privileged elected,

Time passed and journey picked up,
Changes in attitude is the result of continuous efforts,

In beginning it was just life's another case,
But with time it has become the most beautiful chase...

Struggles of managing studies with articleship won't go in wain,
Being a successful Chartered Accountant will be worth of all the pain👩‍🎓👨‍🎓

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18 APR 2021 AT 1:23

कश्मकश का दरिया है,
इसके पार जाना है,
अभी तो कुछ हासिल किया है,
बहुत कुछ अभी भी पाना है।

हौसला है बुलंद,
हम भी है तैयार,
किया है जब इतना सफर,
कैसे बीच मझधार अब छोड़ें पतवार।

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21 MAR 2021 AT 11:07

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26 FEB 2021 AT 15:15

खत पहुंचे थे तुम्हारे,
पहले जानकर भी अनजान बने रहे,
डर थे शायद कुछ मन में,
इसलिए सुनकर भी नहीं सुनने के बहाने बनाते रहे।

पहली दफा तो लगा कि दोस्ती ही खो दी,
जीवन में पहली बार अकेलेपन ने दस्तक दी,
फिर समझा कि जीवन का अटूट हिस्सा बन गए थे तुम,
कभी ना भूल सकने वाला किस्सा बन गए थे तुम।

ना जाने कितनी दफा तुम्हें खो देने के डर को जिया है,
कितना कुछ कहना था मगर उन शब्दों को सिर्फ मन में ही पिरोया है,
ज़ख्म अगर तुमको दिए है तो नासूर हमने भी कम नहीं सहे है,
मन मसोसकर ना जाने कितनी दफा रहे है।

मानते है कि नहीं कबूल कर पाए थे किसी समय पर तुम्हारा प्यार,
दोस्ती और प्यार के नाम पर हमारे बीच होती थी तकरार,
कबूल तो कर लिया था पर तुम्हें बता नहीं पाए,
प्यार तो था मगर पहले जता नहीं पाए।

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1 JAN 2021 AT 1:55

New Year is here with new hope,
2021 will give us new scope...

Last year had lessons to share,
Let's not repeat the mistakes made there...
Safeguarding nature is one of the major
needs,
It's time to sow new seeds...
Competing with clock shall be stopped,
Wrong actions shall now be dropped...

Living for yourself can be the new goal,
Spending quality time with family can heal our soul...
New year is welcomed with new charms,
2021 might turn to be the best year in our arms...

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1 JAN 2021 AT 1:36

It showed us new ways to live,
2020 had many lessons to give...

Days didn't passed away in a wink,
This year gave us time to think...
The art of sitting idle was new,
Learning this was necessary for few...
Old hobbies were pursued new were created,
For free time we no more waited...

Back were childhood's bitter-sweet strife ,
Everyone living together brought home back to life...
Our ability of bearing difficulties was at test,
Hard times made us tough to rest...

Lessons learnt were not easy to reach,
2020 had it's own ways to teach.

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1 JAN 2021 AT 1:04

नया साल नया जोश है लाया,
ज़िन्दगी जीने का नया तरीका पिछले साल ने सिखाया,
सबक सीखकर आगे बढ़ने का समय आ गया,
2021 के रूप में नया वर्ष आ गया।

कुदरत के साथ खिलवाड़ अब और ना करेंगे,
वक्त से आगे बढ़ने की दौड़ में अब भाग नहीं लेंगे,
अपनों के साथ हसीं पल बिताएंगे,
अपने ऊपर भी कुछ समय लुटाएंगे।

बीते साल को भुलाकर नई शुरुआत का समय आ गया,
2021 के रूप में नया वर्ष आ गया।

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1 JAN 2021 AT 0:49

ज़िन्दगी जीने का नया तरीका दिखा गया,
2020 हमको काफी कुछ सिखा गया।

कुछ वक्त के लिए ही सही मगर हमारी दौड़ती ज़िन्दगी पर लगाम लगा दी,
कुछ ना कर के भी बहुत कुछ करने की कला सिखा दी।
अपने लिए वक्त ना निकाल पाने के मलाल को सुलझा गया,
अपनों की कीमत हमको बता गया।

अपने बचपन की यादों को जीने का मौका मिल गया,
सभी को साथ देखकर घर वापस खिल गया।
कितना कुछ झेलने की क्षमता है हम में ये दिखा गया,
2020 हमको काफी कुछ सिखा गया।

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25 OCT 2020 AT 1:32

कुछ उनकी सुन ली होती
कुछ अपनी बोल दी होती,
शायद बात अधूरी नहीं रह जाती,
अगर थोड़ा सब्र रख कर बात कर ली होती।

अगर मगर और काश की पशोपेश है,
ज़िन्दगी की यही तो जद्दोजहद है,
कब वक्त निकल जाए कुछ कह नहीं सकते,
कशमकश की धुंध फिर छांट नहीं सकते।

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13 OCT 2020 AT 0:40

कहने को तो आजाद है हम,
फिर क्यों वो खुलकर जीने के लिए तरसती है,
पंख तो है उसके भी पास,
फिर क्यों वो उड़ने से डरती है।

ना कपड़ों से खुद की आबरू को बचा पाती है,
ना ही कम या ज़्यादा उम्र उसका साथ दे पाती है,
फिर भी जाने क्यों ये दुनिया,
बात बात पर उसको ही गलत ठहराती है।

ना कहना हक है उसका,
फिर भी ना कहने से डरती है,
लोग तो मुझे ही गलत बोलेंगे,
सोचकर ऐसा चुपचाप सहती है।

कब तक उसको बात बात पर टोका जाएगा,
कब तक ना कहने पर उसको रोका जाएगा,
समय आ गया है कि हम अब बेटों को समझाए,
बहन की हिफाजत नहीं बल्कि औरत की इज्जत करना सिखाएं।

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