अक्षय तृतीया पे सबको
एक अक्षय पात्र मिले
जो दे
वो दुनिया को
उसी से पात्र भरा रहे।-
इं. रितु सिंह
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💫 रंग-रंग में उलझती ..
दिलो-दिमाग की उथल-पुथल 💫
दिलो-दिमाग की उथल-पुथल 💫
Joined 24 May 2020
29 APR AT 19:35
25 APR AT 13:06
रंगों से खेलने वालों के
खून से खेला गया है
क्या ये किसी धर्म में
जायज़ लिखा गया है?-
25 MAR AT 12:07
ज़ुल्म ओ सितम करने दो उसे यारों
होंगे जब और ज़ुल्म ओ सितम
मस्त शायरी निकलेगी
दम दमा दम-
24 MAR AT 2:13
ग़म तो मिलते हैं हर रोज़
कि शायरी गुम है,
लोग तो मिलते हैं हर रोज़,
कि हम गुम है।-
8 FEB AT 10:15
रोज़ डे पर
रोज़ को
रोज़ सा
सजाया गया,
कांटो संग
रोज़ डे पर
रोज़ को
विदा किया गया।-
29 JAN AT 11:44
पापों को धुलने को
जन्म मृत्यु के चक्र से छूटने को
जा रहे हैं संगम स्नान को...
तो क्या ये 40 करोड़ लोग
फ़िर पैदा न होंगे?
क्या प्रकृति ने रचा है ये खेल
जनसंख्या कम करने को?-
28 JAN AT 12:09
प्रमोशन के साथ ट्रांसफर
फिर से लटकी वही तलवार
इससे सामना होता है
नौकरी करने वालों का बार बार।-
25 JAN AT 19:32
प्राइवेट हॉस्पिटल से जरा बचना
सर्जरी कराने से पहले
सरकारी डॉक्टर से सलाह लेना।
अपना और अपनों का बहुत ख्याल रखना।
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