Insaan kabhi badalta nahi hai woh Sirf matlab pura hone par acting karna band kar deta hai.
-
मेरी आँखो से जो गिरता है वो दरिया देखो,
मै हर हाल में खुश हूँ, मेरा नज़रिया देखो!-
बहाने हज़ारों होंगे ज़िन्दगी में औरों के लिए,
तेरी मुस्कुराहट ने जो बख्शा वो कमाल है!-
मरने की बात से जो रखते थे मुँह पे उंगलियाँ,
अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के कातिल निकले!-
ये किस मोड़ पर तुम्हें बिछड़ने की सूझी है...
मुद्दतों बाद तो सवरने लगे थे हम!-
माना ज्यादा ही चुभे है मेरे लफ्ज़ उसे,अब वो है कि रूठ गया है...
नाराजगी ही समझूं इसे या फ़िर दोस्ती का रिश्ता टूट गया है।-
बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है,
मौत से आँखे मिलाने की जरूरत क्या है।
सबको मालूम है बाहर की हवा है कातिल,
यूहीं कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।
जिन्दगी एक नेमत है उसे संभाल के रखो,
कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है।
दिल बहलाने के लिए घर में वजह है काफी,
यूहीं गलियों में भटकने की जरूरत क्या है।
-
लेहरों के बढ़ते कितनी कश्तियाँ डूब जाती है,
जज्बातों के सैलाब में तो हस्तियाँ डूब जाती है।
मन के समन्दर का शोर खुद ही थाम लो वरना,
हकीकत की आँधी में बस्तियाँ डूब जाती है।
बारिश वो बचपन की मन भीगने को चाहता था,
जिम्मेदारीयों की बारिश में मस्तीयाँ डूब जाती है।
समझदारी से भी जिन्दगी पटरी पर चल सकती है,
वरना धोके में रखी सारी पस्तियाँ डूब जाती है।
प्रेम हो मध्य तबतक अच्छी चलती है जिन्दगी,
प्रेम की कमी में अक्सर गृहस्तियाँ डूब जाती है।-