If you don't have your own Empire
you become part of someone else's...-
शहीदों के मजारों पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा
शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ— % &-
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़'
जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं
दाग़ देहलवी— % &-
मैंने जाना कि एक झूठ बचा लेता है ,कई मुश्किलों से इक बार के लिए,
मगर वास्ता ईमान का हमने सच का दामन नही छोड़ा
इक बार के लिए ।
इमरोज़ नदीम— % &-
इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं
बशीर बद्र— % &-
हत्यारे ने बापू के देह पर गोली चलाई
लेकिन उनके विचारों की हत्या वो नही कर सका
महात्मा के विचार सदैव के लिए अमर हो गए ।
विनम्र श्रद्धांजलि-
फ़र्ज़ करो हम अहल-ए-वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों
फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूटी हों अफ़्साने हों
इब्न-ए-इंशा-
कौन सा रंग इख़्तियार करें?
ख़ुद को चाहें कि तुझ से प्यार करें?
शबनम रूमानी-
मुनाफ़िक़ दोस्तों से लाख बेहतर है... खुला दुश्मन.
कि गद्दारी नवाबों से... हुकूमत छीन लेती है.
नामालूम-