हर रिश्ते में सब चले जाते हैं
क्यूँ मैं हमेशा रह जाता हूँ-
मालिकाना हक दूँगा उसे
सुरत से तोलते हैं लोग जिसे
सीरत की कहानी, सुनी नहीं
समझते हैं होशियार, जो खुद से मुझे
दिखाते हैं जो, मालो शोहरत,
पड़ता हूँ मैं, उनके दिल से उन्हें
उम्रदराज होना, ज़रूरी नहीं
साथ से पहले बस पड़ लो उन्हें-
एक आम सी लड़की की तलाश है
और उससे मोहब्बत का ख्वाब है
तलाश तो पूरी हो गयी
पर ख्वाब बस एक ख्वाब है-
क्या कोई है मेरे लिए
या ये सब एक खूबसूरत मुरत है
सीरत से कोई भाया नहीं
मुझे मुझ जैसे की ज़रूरत है-
क्यूँ ना प्यार, पुराना भूलूंँ
क्यूँ ना ये, मयखाना छोड़ूंँ
क्यूँ ना,थोड़ा खुद की सोचूँ
क्यूँ ना, लेला नई खोजुँ-
तुम मन मे रख लो बात सारी
हम फिर भी करेंगे बात तुम्हारी
ये इल्म भी तुझी से सीखा है
हम नजरें पड़ते हैं तुम्हारी-
कई रातों से, नींद नहीं आ रही
चिराग तो बुझ गए, कब मेरी बारी,
सुना है, वो जी रहे है शौक से
यहाँ चैन से, मौत नहीं आ रही-
मैं सोचता हूँ के वो लौट आए
मगर ख़ुद से नजरें भी मिलानी है
जल कर ख़ाक़ हो चुका हूँ, मैं
अब क्या बची, ख़ाक़ भी उड़ानी है-
तेरे सलाम का जवाब देता हूँ,
पर मन नहीं होता
मेरा दीऩ , ईमान जो है
इसकी इज़ाज़त नहीं देता-
मेरे आँखों की चमक
वो मेरी मेज़बान है,
दिखने में वो परी
क्यूँ वो एक इंसान है,
मिला सालों बाद कोई
जहांँ अपनापन लगा,
तो एक ही आरज़ू है
पूरी कर दो ना,
अंधेरे में गुज़री है
रोशन कर दो ना,
तुम बस मुझको
पूरा कर दो ना-