Ikrar Aalam   (Ikrar Aalam)
1.6k Followers · 3.9k Following

Teacher,Writer,Entrepreneur
Joined 27 November 2017


Teacher,Writer,Entrepreneur
Joined 27 November 2017
8 JAN 2022 AT 14:41

टांग खीचने का दौर चल रहा गालिब.

कोई ऐसा ढूँढ़ो जो हाथ पकड़कर आगे बढ़ाए.

-


2 DEC 2021 AT 16:25

जब दुश्मन नही अपने हारने की आश में बैठें हो.

तब जीतना बहुत ज़रूरी हो जाता है.

-


2 DEC 2021 AT 15:46

आलम गैर तो गैर.

मेरे तो अपने भी मेरे खिलाफ़ निकलें.

-


25 OCT 2021 AT 20:02

जिस दिन आँखों की भाषा सीख गये ना.

उस दिन से जुबान की भाषा भूल जाओगे.

-


20 OCT 2021 AT 22:07

पूजा करूँ या करूँ इबादत.

बता कैसे करूँ पूरी तुझे पाने की हसरत.

-


17 OCT 2021 AT 19:47

तब तक आपकी कमाई नही बढ़ेगी.

जब तक कि आपकी काबिलियत नही बढ़ेगी.

-


15 AUG 2021 AT 21:07

तेरे से शुरू और तेरे पर ही खत्म.

मेरी ज़िंदगी भी और मेरी शायरी भी.

-


13 AUG 2021 AT 20:29

गाँव में चर्चा हो रहा है.

तुम आज भी हमसे मुहब्बत करती हो.
Ikrar Aalam

-


11 AUG 2021 AT 20:53

साहब बेटियाँ तो ज़न्नत का फूल होती हैं.

जो हर किसी के आँगन में नही खिलता.

-


4 JUL 2021 AT 21:30

जैसे ही sunday अपनी बनाता है.

इतने ही कोरोना वापस आ जाता है.
Ikrar Aalam

-


Fetching Ikrar Aalam Quotes