टांग खीचने का दौर चल रहा गालिब.कोई ऐसा ढूँढ़ो जो हाथ पकड़कर आगे बढ़ाए. -
टांग खीचने का दौर चल रहा गालिब.कोई ऐसा ढूँढ़ो जो हाथ पकड़कर आगे बढ़ाए.
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जब दुश्मन नही अपने हारने की आश में बैठें हो.तब जीतना बहुत ज़रूरी हो जाता है. -
जब दुश्मन नही अपने हारने की आश में बैठें हो.तब जीतना बहुत ज़रूरी हो जाता है.
आलम गैर तो गैर.मेरे तो अपने भी मेरे खिलाफ़ निकलें. -
आलम गैर तो गैर.मेरे तो अपने भी मेरे खिलाफ़ निकलें.
जिस दिन आँखों की भाषा सीख गये ना.उस दिन से जुबान की भाषा भूल जाओगे. -
जिस दिन आँखों की भाषा सीख गये ना.उस दिन से जुबान की भाषा भूल जाओगे.
पूजा करूँ या करूँ इबादत.बता कैसे करूँ पूरी तुझे पाने की हसरत. -
पूजा करूँ या करूँ इबादत.बता कैसे करूँ पूरी तुझे पाने की हसरत.
तब तक आपकी कमाई नही बढ़ेगी.जब तक कि आपकी काबिलियत नही बढ़ेगी. -
तब तक आपकी कमाई नही बढ़ेगी.जब तक कि आपकी काबिलियत नही बढ़ेगी.
तेरे से शुरू और तेरे पर ही खत्म.मेरी ज़िंदगी भी और मेरी शायरी भी. -
तेरे से शुरू और तेरे पर ही खत्म.मेरी ज़िंदगी भी और मेरी शायरी भी.
गाँव में चर्चा हो रहा है.तुम आज भी हमसे मुहब्बत करती हो.Ikrar Aalam -
गाँव में चर्चा हो रहा है.तुम आज भी हमसे मुहब्बत करती हो.Ikrar Aalam
साहब बेटियाँ तो ज़न्नत का फूल होती हैं.जो हर किसी के आँगन में नही खिलता. -
साहब बेटियाँ तो ज़न्नत का फूल होती हैं.जो हर किसी के आँगन में नही खिलता.
जैसे ही sunday अपनी बनाता है.इतने ही कोरोना वापस आ जाता है.Ikrar Aalam -
जैसे ही sunday अपनी बनाता है.इतने ही कोरोना वापस आ जाता है.Ikrar Aalam