हा फरेबी तो हु पर मोकापरसत नही झूठा हु पर दगेबाज नही लोगो से क्या लेना मुझे तुम्हे जो लगता हु वही हू में रही बात लोगो की न पहले मतलब था न आज मतलब है तुम संग हो मेरे तो फिर क्या गम है अगर फिर भी तुम्हे घुटन हो अपने रिस्ते से तो सोच लेना हममें से एक मैं कम है