ईशिका कौशिक   (ईशिका...)
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Ishika kaushik
Kalam kaagaz aur mein ✍️
Innocent 😇
Dad's lioness 🦁💪
Joined 23 February 2024


Ishika kaushik
Kalam kaagaz aur mein ✍️
Innocent 😇
Dad's lioness 🦁💪
Joined 23 February 2024

अनजान सफ़र में
मिला वो शख्स,
अपने अज्म मुस्तहकम रखता है।

साफ़ नेक दिल बंदा वो
अपने किरदार में सादगी रखता है।

ढूंढते ढूंढते मुखोटों से फरागत
हमारा रिश्ता बनता है।

कोई और नही वो
मेरा सबसे करीबी अहबाब हैं

जो मेरे हर अच्छे बुरे में
साथ मिलता हैं।।

-



एक शक्स के वियोग ने,
मुझे कुछ इस कदर खोखला कर दिया।


हंसी, खुशी, हर्ष, उल्हास,
कोशिश,ज़िद, जनून,जीत,
उत्साह, उम्मीद, सुख, चैन, सुकून,,,,

सब छूट गया ।।।।

-



के लिया था जब जन्म तने
सबते पहला उस बाप ने
छाती के लाई थी।

जताया ना कदै प्यार अपना
पर तू सबते फालतू
उसने चाही थी।

ना पावे कदै दुःख मेरे ज्यों
न्यू करके उस मां ने
स्कूल में खनदाई थी।

खुद काटी सारी उम्र गरीबी में
पर एक एक पाई जोड़ के
तेरी सारी रीझ पुगाई थी।

के बेरा था तू इसा कर जागी
धरी जो पगड़ी बाबू ने तार
तू उसकी लाज राखन ते मुकर जागी।

होवेगी पंचायत गाम में
अर तू ठाकै एक गलत कदम
इनकी इज़्ज़त के बट्टा मल जागी।

के बेरा था तू इसा कर जागी।।

-



मजबूरी करके जाऊ हूं
छुड़ा हाथ बीच रास्ते में,
तू बेवफ़ा का दाग़ लावेगा के।

चाहया करता जुकर मनै
मेरे जाया पीछे
न्यू और किसे ने चाहवेगा के।

मैं तो होई शरीर ते किसे ओर की,
तू बता रूह ते भी
तेरे होण आली ने चाहवेगा के।

अर धर दूंगी नाम मेरे छोरे का तेरे नाम पे,
इब तू बता अपनी छोरी ने
मेरे नाम ते बुलावेगा के।

अर या निशानी प्यार की बचावेगा के।।

-



एक रात थे तुम,
जीतने क़रीब मेरे।
आज उतने ही,
दूर बैठे हो ।

तुम्हारे फ़िराक में कर लिया,
मैंने अपना हुलिया ख़राब।

और एक तुम हो जो,
गैर की बाहों में मशरूफ बैठे हो।।

-



दिल से पूछो
क्या राज़ दबाए बैठा है,
अंदर अपने कितनी हकीकत
दबाए बैठा है।

कभी अपनो के दिए धोखे
तो कभी महबूब के दिए ज़ख्म,
खाए बैठा है।

लिखना तो चाहता है बहुत कुछ
मगर अंदर अपने लफ्जों को,
दफनाए बैठा है।।

-



छोटी सी जिंदगी को जीना सीखते हैं,
क्यों ही लड़ना झगड़ना
चलो माफ़ करना सीखते हैं।

बट्ट गए मज़हब,
बट्ट गए धर्म,
बट्ट गई जात,
चलो हम मिलकर इंसानियत ढूंढते हैं।

आज जी रहे हैं,पैसे की बू में,
चलो कल से खुशियां ढूंढते हैं ।

छोटी सी जिंदगी को जीना सीखते है।।

-



सुना है तू सब अच्छा करता है,
फिर क्यों मोहब्बत अधूरी लिखता है।

जो था ही नहीं मेरी नसीब में ,
क्यों उसे इतना जरूरी करता है ।

ए खुदा बस इतना बता,
क्यों मोहब्बत अधूरी लिखता है।।

-



मोहब्ब्त की राहों में,
कुछ इस कदर समझोते का जिक्र आ गया।

दिल की खता हुई और,
घाटे का सौदा मेरे हक़ में आ गया।

दुआ मैंने भी की उसे अपना बनाने की,
मगर वो किसी और की दुआ के हक़ में आ गया।

दिल की खता हुई और,
घाटे का सौदा मेरे हक़ में आ गया।

मैंने चाहा जिस दिलनशी को,
उसपर किसी और की चाहतों का पहरा आ गया।

मोहब्बत की राहों में,
कुछ इस कदर समझोते का जिक्र आ गया।।

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चांद से बाते होती थी जब
तुम पास नहीं थे।

सपनों में मुलाक़ात होती थी जब
तुम पास नहीं थे।

तेरे दीदार को तरसती थी आखें जब,
तुम पास नहीं थे।

तेरे होठों की छुअन को
महसूस करते थे गाल मेरे जब
तुम पास नहीं थे ।

खो गया था तेरी गरमहाट बाहों का सुकुन जब ,
तुम पास नहीं थे।

बस तेरी यादों का पिटारा था साथ मेरे जब
तुम पास नहीं थे।।

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