कभी कभी ना एक मजबूत कंधा
पुरुष भी चाहते हैं
बिना सोचे समझे ढेर सारी
बातें करने के लिए कभी
सर रखकर रोने के लिए
ऊपर से कठोर भीतर से उतने ही
कोमल से मनको समझने के लिए
जरा सी आजादी कुछ गलतियां
करने के लिए थोड़ा सा साहस
अपने पापा को बेझिझक
गले से लगाने के लिए
एक सराहना उनका मनोबल बढ़ाने के लिए.....!!!!!
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