एक कहानी की शुरुआत,वो नई नई सी बात
कुछ अनकहे एहसास वो पनपते जज़्बात
और दिन भर की बेसब्री के बाद छोटी सी मुलाकात
क्यू अच्छी होती है हर कहानी की शुरूआत ?
क्योंकि कुछ पन्नें पलटोगे तो बिछड़ना लिखा है
पहले समय नही फिर समझदारी का ताना लिखा है
हर बार झगड़ के बदल जाने का वादा लिखा है
और आज सबसे पहले तुम हो का दिलासा भी मिटा है
किरदार बदले है मगर कहानी सबकी एक ही है
शुरुआत बदली हो मगर अंजाम एक ही है
संभल जाओ और रोक लो खुद को
क्योंकि दिल कैसे भी टूटे दर्द एक ही है।
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ना सोचा था, ना ख्वाहिश थी, कुछ खुद से कहने को पेन उठाया था, और अब ये आदत हो ... read more
एक बात ज़रूरी है, ये अहसास ज़रूरी है
बांधे रखने को तुमको मन में उल्लास ज़रूरी है
अरसा हुआ पतझड़ को अब मधुमास ज़रूरी है
सोई हुई इक आस को अब भोर ज़रूरी है
गरज रहे कब से ये मेघ अब बरसात ज़रूरी है
बंद पड़े कब से ये पंख अब उड़ान ज़रूरी है।।
-aradhya
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चल फिर मंजिलो से सुलह कर ले
उठते गिरते कदमों का सिलसिला कर ले
ठहरी हुई जिंदगी से विरह कर ले
थमी हुई कोशिशों का भी वक्त सा काफ़िला कर ले
चल फिर मंजिलों से सुलह कर ले ।
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It's not important,same time pe sabka mind state same ho, please develop understanding of this thing.
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I am the person, who want to do all the mistakes....in something I want to have experience in,but believe me! Some things should not be mistaken....their experience is painful.
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Spending time with regret, looking back to some untouched opportunities,some silly mistakes,one wrong decision,the blind trust,that overconfidence,and the lack of judgement........... anything left?
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Ban titli ud jaoo ish gagan me,bhul raahe kho jaoo ish chaman me , bhatakti raaho ke ish pahar me , mil jae koi rah ish anzaane safar me!
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कहने सुनने का दौर है, थोड़ा लड़िये झगड़िये
मन में जो बसेरा कर बैठी है गलतफ़हमी
उनको शिकायतों का दौर है बताइए सुलझाइये
किसी से क्यू बैर रखना,थोड़ा उदार बन
चलो थोड़ा हम समझे, थोड़ा आप भी समझिए।
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