आधी रात ,आधा कप चाय , आधे वादें
याद हैं मुझे अपनी आधी मोहब्बत ।-
आना कभी मेरे दिल के दहलीज पर ,
बड़ी शिद्दत के साथ सजदा करूँगा तेरी ..!!
Dil❤ me... read more
मिले जुदा हुए कितने शख्स से, पर
तुझसे बिछड़ने का मलाल उम्र भर रहा ।-
रंग रंग से बचता रहा ,
शामों तलक, ना जाने कितने रंग से,
गुजरा गली से, जब उनके यारो,
मत पूछो ...खुद को खुदी से रंगा कितने रंग में।-
गम और आंसू से चुकाया है, किश्त मैंने,
बहुत महंगा पड़ा था "इश्क" मुझे ।-
बेच देता औने पौने दाम में सारा गम अपना
कमबख़्त गम का कोई खरीददार नहीं मिलता
vimal vats
कमबख़्त = बदकिस्मत-
ना पढ़ना कभी मेरी ज़िंदगी की डायरी को
हर एक ख़ामोश पन्ना तुम्हें चीखता हुआ मिलेगा ।-
शहर के हर "दरवाज़े" पर पता पूछता रहा "मैं" तेरा,
तेरा घर आया तो ,
मेरी "शख्सियत" ने वहाँ जाने की, इजाज़त ना दिया !-
इजाजत दो तो तुम्हारे गजरे पर कुछ लिखूं,
गर इन नशीली आंखों पर ना लिखूं तो गुनाह होगा।-
ताउम्र आशिकी निभाएगा "दर्द" मुझसे ,
"मैं" बंदा बहुत कमाल लगता हूं उसे ।-
कई शामें गुजर गयी
कई राते गुजर गया
तुम ने कहा था
तुम लौट कर
आओगी सावन में
कय सावन आयें
कय मौसम बदल गया
हमारी मोहब्ब्त के किस्से
कुछ पन्ने में ही सिमट गया
तुम सोचती होगी की
मैं बहुत खुश हूं शायद
जिस दिन छोड़ा था हाथ
तुमने उस दिन
तेरा दीवाना मर गया-