सब व्यर्थ है
दुनिया,लोग ,ख्वाहिशें सब
फिर भी हमारे स्वार्थ के आगे
सब व्यर्थ है।
सब जान कर भी सब ख़ामोश हैं
सब स्वार्थ में मगन हैं
ये सब व्यर्थ है।
कोई किसी के काम ना आएगा
जब आएगा हश्र का दिन
ये रिश्ते नाते सब स्वार्थ से भरे
ये सब व्यर्थ है।
इसका कोई अर्थ नहीं।
-
i Nausheen
(i Nausheen)
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A learner
Joined 9 November 2018
29 MAY AT 7:57
7 NOV 2024 AT 23:27
जाने क्यूं
यह मालूम होते हुए भी
कि सबको एक दिन मरना है
फिर भी एक इंसान ही दूसरे इंसान का जीना हराम करता है-
21 AUG 2024 AT 15:42
Untold struggles are a way to Success
When followed with gratitude!-
21 AUG 2024 AT 1:46
अदावतों के मयार नहीं हुआ करते
जब अपने हों सामने
तो ख्वार नहीं हुआ करते-
9 JUL 2024 AT 10:13
During Prolonged Uncertainty:
Situational wrappings and those unconditional brain rewiring is not ecstatically easy !-