क्यों डराते हो कर के शोर,
मेरा दिल कमजोर थोड़ी है;
उसे खोने का क्या ग़म करूँ ,
वो कोई कोहिनूर थोड़ी है..!!-
कभी फुर्सत मिले जिदंगी जवाब दे मुझे..
कब कितना कहां ख़र्च हुआ हिसाब दे मुझे.!!-
निर्वाचन में सौंपा था सम्मान तुम्हारे हाथों में,
लोकतंत्र की मां संसद का मान तुम्हारे हाथों में, संविधान के पालन का अरमान तुम्हारे हाथों में, तिलक गोखले गांधी का अरमान तुम्हारे हाथों में,
अमर तिरंगे की सौंपी थी शान तुम्हारे हाथों में,
सौंप दिया था पूरा हिंदुस्तान तुम्हारे हाथों में..
तुमने क्या दिया बेरोजगारी और निजी करण हमारे हाथों में...-
राधे की झंकृत पाजेब कृष्ण के मन को भाती है।
ऐसे मंत्र मुग्ध करने वाली 'पायल' तू भी पहना कर।-
लिखता हूं मोहब्बत के किस्से सिर्फ दिल बहलाने को
इन लफ्जों की मिलावट को कहीं मेरा किरदार ना समझ लेना-
लंबी मुलाकात के लिए हम ये हुनर अपनाते हैं
जब भी वो आती है हम चाय जरा ज्यादा गरम बनाते हैं...-
बड़ा हो जाना आज फिर से अच्छा नहीं लगा
वो क्या दिन दे जब आज के दिन दो लड्डू मिलते थे..-