Humaira Khan   (حمیرا خان 🍁)
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में नही , मेरे जज्बात लिखते है ❤️
Joined 22 May 2018


में नही , मेरे जज्बात लिखते है ❤️
Joined 22 May 2018
13 SEP 2022 AT 23:12

वक़्त

वक़्त एक सज़ा भी है,
और एक मरहम भी ।।

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26 APR 2020 AT 4:36

मुझे समझाना आता नहीं,
और ख़ामोशी तुम समझते नहीं!

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23 APR 2020 AT 21:45

ही सुकून वाली मोहब्बत होती ,
क्योंकि इस में शिकायतें नहीं होती !

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21 APR 2020 AT 0:47

Zubaan pe aksar taale or nazron mein bht saari kahaniyaan rakhti hun main..

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17 APR 2020 AT 13:03

नहीं संभल सको तो बदल जाओ,
वरना पछताते रह जाओगे!

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16 APR 2020 AT 20:42

साथ हँसने के लिए तो हजा़र लोग हैं,
जिसके कंधे पर सर रख़ कर रो सके, वो चाहिए ❤

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13 APR 2020 AT 20:10

Aaina hoti h Ye zindagi,
Tu muskura, wo bhi muskura degi!

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11 APR 2020 AT 13:32

जो की मेरी आँखों में अपने लिए मोहब्बत ही नहीं देख

पा रहे.

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10 APR 2020 AT 20:09

के वो मेरे नसीब में है भी या नहीं?

ख़ुदा से पूछना है,
के जेसे मैं उस के लिए बे करार हूँ,
क्या वो भी मेरे लिए बे करार है?

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10 APR 2020 AT 20:00

कुछ पाने के लिए ,



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