याद आता हैं अपने "school " का जमाना
तेरा "monitor "बन कर सब पर चिल्लाना
लेकिन मेरी हरकतो के आगे हार मान जाना
वो "lunch hour" में "cycle " उधार ले कर
मुझे पीछे बिठा कर "campus" के चक्कर लगाना,
कभी keys का गुम जाना, कभी खुद गिर जाना,
फिर एक दिन वक़्त का कुछ इस तरह बदल जाना
"School" का "college" में,
"cycle" का "scooty" में,
और
"Campus" का भीड़ भरी सड़कों में तब्दील हो जाना
लेकिन नहीं बदला तो वो हैं तेरा मूझे पीछे बिठा कर घुमाना
और अपना सबसे अनमोल याराना
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