ये तेरा कैसा मुझ पर तंत्र पिया
गाऊं तेरे ही नाम का मैं मंत्र पिया
ये मोह तेरा मुझको, खींचे पिया
मेरी सासों को धीमे धीमें, सींचे पिया
मैने जोड़ा वो, धागा तुमसे पिया
अब नजाना दूर तुम कभी हमसे पिया
अब रहना साथ तेरे, हमको पिया
सातों जन्मों का रिश्ता देना हमको पिया
हॉथो को मैं डालेंगे हम तेरे पिया
तुम कंधा मिलते रहना हमसे मेरे पिया
अपनी यादों से भूल न जान पिया
मेरी ज़िद है तुमको, तुम से पाना पिया
Ayushi Shukla🥀-
👉अगर आप... read more
।मेरी प्यारी अधिरा।
तू लाखो में एक है
तू खुद में ही अनेक है
तू मेरी बहुत प्रिय है
तू मेरा धड़कता हिय है
तू सुन्दर सी गुड़िया है
तू मस्ती भरी पुड़िया है
तू नटखट शैतानी है
तू मेरे दिल की रानी है
तू गीतों का सरगम है
तू है तो दूर मेरा हर गम है
तू मुझे बहुत भाती है
तू जब जब मुस्काती है-
वो अनजान बन के आये
गलती जान बूझ के हो गयी
जिसकी कोई रफ्तार न थी
वो कश्ती सूझ के खो गयी
ए ज़िन्दगी। जरा बता तू
कितना दर्द मिलता है
अब ये खता हमसे
जो ये मेरी चूक से हो गयी
देखो किताबी बातें न करना हमसे
न हमसे कोई बहाने होंगे
हम तो गुनाहगार है फ़क़त
बस हर दर पर सिर ही
झुकाने होंगे ।-
चली अन्नत मस्तानी खूब शैतानी पूरव से हवा हवा
आज मौसम की ठिठोलियाँ, हुई फिर से जवां जवां
बग़ियों को मौंसम की, बहार अंचल से ढकने लगी
फिर से हुई मस्त मौला, बागों की कतार जवां जवां
मेघशून्य वायु आवेग से कलियाँ कुलांच करने लगी
यकायक ही कलियों की, प्रौढ़ता भी हुई जवां जवां
शीतकालीन मौसम का हुआ प्रारंभ वर्षा घनघोर से
तब हवाओं में हुआ, ठाड़ का आभास जवां जवां
बरसात बिन मौसम हुई, सब जलाशय जैसा मानो
नदियों की उफ़ाने बदली और हुई वे भी जवां जवां-
तुम मुझे अपनी तरह रहना सिख देना
मुझसे हुई हर गलतियों को सुधार देना
वक़्त लगेगा मुझे तुम्हारी तरह जीने में
मेरे साथ तनिक, ये वक्त भी गुजार देना
तुमने मुझे और जीने की वजह दिया है
अब फूलो के साथ उनकी वो बहार देना
वादियों में तो हमको, सजाया है तुमने
अब तनिक मुझे, फ़ुर्सत का प्यार देना
हाँ और न कि कश्मकश में, बंधा इश्क़
इसको उम्मीदों का, थोड़ा इज़हार देना
"आयु" पाबंधियो से घिर जाता जीवन
पर कहीं तू उसको, कर न बेकार देना-
बेशक़! ख़ूबसूरत है मम्मा तुम्हारी
मगर मेरी अधिरा
ख़ूबसूरती का
साज है
बहुत!
मम्मा के दीवानी होंगे
मगर मेरी अधिरा
सब दिलो का
ताज है
यक़ीनन
कल लाखो गुलाब खिलते होंगे
मगर मेरी अधिरा
उस कल का
आज है
ये 'आयु'!
मिली नही तुझे पर बेहद प्यार है
मेरी अधिरा का छाया
मुझपर कोई एक
मिज़ाज है-