दीवारे सुन लेती हैं तमाम बातें जो हम उसके दायरे में करते हैंबेशक बोलती नहीं हर किसी सेमगर सन्नाटों में अक्सर गूंजती हैं ! -
दीवारे सुन लेती हैं तमाम बातें जो हम उसके दायरे में करते हैंबेशक बोलती नहीं हर किसी सेमगर सन्नाटों में अक्सर गूंजती हैं !
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मुझे अब भी याद हैमेरा वो खुलकर हंसना औरतुम्हारा खामोशी से मुझे पढ़ लेना ! -
मुझे अब भी याद हैमेरा वो खुलकर हंसना औरतुम्हारा खामोशी से मुझे पढ़ लेना !
तो क्या ?आसमां पर ही गुज़र कर लेंगे ! -
तो क्या ?आसमां पर ही गुज़र कर लेंगे !
कोई कितना भी कहे उलझना नहींदेखकर औरों को राहें बदलना नहीं ! -
कोई कितना भी कहे उलझना नहींदेखकर औरों को राहें बदलना नहीं !
माना बहुत कठिन है किसी की तरह बन पानामगर जैसे हो वैसे भी तो कोई स्वीकार नहीं करता ! -
माना बहुत कठिन है किसी की तरह बन पानामगर जैसे हो वैसे भी तो कोई स्वीकार नहीं करता !
औरत को ठहराव चाहिएपुरुष को बहाव चाहिएदोनो पूरक इक दूजे केतब भी बदलाव चाहिए ! -
औरत को ठहराव चाहिएपुरुष को बहाव चाहिएदोनो पूरक इक दूजे केतब भी बदलाव चाहिए !
लगाव घाव देता हैऔर घाव दर्द देता हैदर्द में फिर लगाव पनपता हैऔर ये सिलसिला लगातार चलता है ! -
लगाव घाव देता हैऔर घाव दर्द देता हैदर्द में फिर लगाव पनपता हैऔर ये सिलसिला लगातार चलता है !
चुभती नहीं बेड़ियांना चुभ रहीं बद्दुआएंअसर उसका हो रहाजिसकी हैं ये लीलाएं ! -
चुभती नहीं बेड़ियांना चुभ रहीं बद्दुआएंअसर उसका हो रहाजिसकी हैं ये लीलाएं !
ज़िंदगी आसान होती जाएगीजैसे- जैसे मन स्थिर और सोच पाक होती जाएगी ! -
ज़िंदगी आसान होती जाएगीजैसे- जैसे मन स्थिर और सोच पाक होती जाएगी !
स्नेहिल सी बातें तेरी, आँखें बोलती हैंदिल के छुपे सारे भेद खोलती हैंतू ही मर्ज है तू ही दवासरगम ये कानों में घोलती है ! -
स्नेहिल सी बातें तेरी, आँखें बोलती हैंदिल के छुपे सारे भेद खोलती हैंतू ही मर्ज है तू ही दवासरगम ये कानों में घोलती है !