सब सही चल रहा था, फिर एक दिन अचानक सब बिखर गया...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
ये वो मोती है जो अक्सर
बिखरने के बाद ही में रोशन होत... read more
हमेशा ही आपका बुढ़ापा,आपके बच्चे खराब नहीं करते, कभी कभी आपके जीवन के कर्म भी, बुढ़ापे में, आपके लिए सबक और सबब का कारण बनते है...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
मेरी कहानी अलग है, मेरी कहानी का सार अलग है, दिखाने को, कहने को तो एक भीड़ थी, लेकिन हमारे साथ सिर्फ हम ही खड़े थे, जब हमे जरूरत थी, सबसे ज्यादा जरूरत थी...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
क्यों रहते हो तुम उलझे उलझे से, कुछ सपने ही तो है जो टूटे है, कुछ अपने ही तो है जो छुटे है, कुछ रिश्ते ही तो है जो रूठे है, कुछ वादे ही तो है जो अधूरे रह गए...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
इस बात को मान लेने में ही भलाई है कि जिस दिन तुम्हे दुनिया की सच्चाई समझ आएगी उसके बाद तुम्हे तुम्हारे एकांत से प्रेम हो जाएगा...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
कभी कभी इंसान, गलत, बुरा नहीं होता, समय, स्थिति, परिस्थिति और किस्मत ऐसी होती है कि अच्छे भले इंसान को भी गलत इंसान बना देती है...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
प्रेम, जनम, मृत्यु, सम्मान, अपनापन, रिश्ते इन सब के लिए किस्मत, सही समय का होना जरूरी होता है...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
बस शांत, चुप, ना किसी से कुछ कहना, ना किसी से कुछ सुनना, बस अपना किरदार निभाओ और शांति से निकल लेना...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-
जो लोग कहते है ना कि अब उन्हें फर्क नहीं पड़ता किसी बात का, फर्क तो पड़ता है छोटी से छोटी बातों का, बस जताना, बताना छोड़ देते है किसी को भी, क्योंकि उनको पता है कि किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला इस बात से कि आपको फर्क पड़ता है किसी बात से...
"हनी निगम"
"मेरे अनुभव"-