Hitesh Pant   (Dr. Hitesh Pant)
2 Followers · 4 Following

read more
Joined 6 November 2020


read more
Joined 6 November 2020
3 OCT 2024 AT 17:10

उस बेरंग दिन को रंग चढाया तेरे संग
कैसे कहू वो कदम ताल को जिया तेरे संग
महसूस हुई वह मखमली कोमल रूह की काया
थाम कर तेरा हाथ कुछ दूर और चल ना पाया
सफर छोटा रहा,तेरी मुस्कुराहटों ने उन्हें बड़ा बनाया
अब पूरा हो कर भी अधूरा सा हू
उन बातों को रातों को साथ लिए जीता तो हू
तेरे नाम के जाम पीता तो हू
उस रात का चाँद अपने साथ लिए सोता तो हू
तुम भी आओगे यह अरदास लेकर निकला तो हू
फिर मिलकर जियेंगे यह दुआ करता तो हू

-


16 MAR 2023 AT 14:39

उस अंजान सफर मे,
तेरा जिक्र कर सफर बीत गया ।
शाम ढलने तक जिक्र,
फिक्र मे बदल गया ।।

-


24 FEB 2023 AT 22:29

वक्त निकलता दिख रहा था
सांसे थम सी जाती थी
सुबह की लाली तेरे चहरे पर रुक सी गई थी
जरा रुक कर जरा थम कर देखा तो सही
पल बीत गया पर पल जीया तो सही

-


30 MAY 2021 AT 22:42

ख़ामोश गलियों में जिया है तेरे इश्क़ को
राह का परिंदा उड़ चला निभाने अपने इश्क़ को

-


9 MAY 2021 AT 13:41

तेरा एक अंश हूं ,
हर एक पल का वंश हूं।

-


11 DEC 2020 AT 15:13

@HEALERPHOENIX
Follow on Instagram and YouTube

-


6 NOV 2020 AT 21:25

Express your love dear
We can't read your mind.

-


6 NOV 2020 AT 21:00

सफर

सफर अधूरा छोड़ कर चल पड़ा,
निभाने जिंदगी का साथ ।
सही गलत समझ ना सका,

मुश्किल हो गई वो रात ।
मंजिल दूर थी नज़रे थी पास,
सुबह की लाली लाए नई सौगात ।
निकल पड़े फतह करने दिन हो या रात,
हौसले बुलंद कर रच दिया इतिहास ।

सफर अधूरा छोड़ कर चल पड़ा
निभाने जिंदगी का साथ ।

-


6 NOV 2020 AT 9:14

मुस्कुराहट

तेरी उन मुस्कुराहटों ने जीना सिखाया ।
डूबते हुए को एक पल में उठना सिखाया ।।

उन अधूरी कहानियों में पूरा साथ निभाया,
छोड़ गई उस राह पर जिसका खुदा भी न हो पाया ।।

तेरी शरारतों ने जीवन का रहस्य सुलझाया ।
रह गई यादे जिससे गुजरना ना हो पाया ।।

उन मुस्कुराहटों ने जीना सिखाया...

कड़ी धूप में जब बनता था तेरे लिए छाया ।
अब रूह से अलग हो गई मेरी काया ।।

तेरी आंखो की गहराई समझ ना पाया ।
बह गए वो आंसू जिसमें में रोक ना पाया ।।

-


6 NOV 2020 AT 8:00

एहसास


दूर हो कर भी पास हो ।
एक नई ज़िन्दगी की आस हो ।।

सुबह में धूप की तलाश हो ।
उन सच्चाइयो से अभी तक अंजान हो ।।

तुम दूर हो कर भी पास हो..

बंजर जमीन में ओस की आस हो ।
पर्वत जैसे अडिग एहसास हो ।।

उन बीते हुए पलो में मुड़कर देखो,
दिल की धड़कनो को सुन कर देखो ।।

तुम दूर हो कर भी पास हो..


-


Fetching Hitesh Pant Quotes