आज समस्या तेरे सामने
सवाल लेकर आया हूं
अभिलाषा उत्तर कि मन में
ख्याल लेकर आया हूं
ऐ अदाकार तेरा दृश्य
दिखलाने का अंदाज़ क्या है
वो दूर मरुस्थल में बता
मृगतृष्णा का राज़ क्या है
विकट स्थिति के सफर में
संकट ये भरपूर क्यों है
गर दिख रहा जो सामने
तो साहिल इतना दूर क्यों है
बूंद ओस कि ,माया स्वप्न कि
इस रहस्य के पर्दे को खोल
वो अदाकार खुदा मौन है
तू बोल आवारा कुछ तो बोल
। Hitesh Awara ।
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