आज फिर एक दिल टूटा है।शायद फिर ज़माना इश्क़ से जीत गया है।। -
आज फिर एक दिल टूटा है।शायद फिर ज़माना इश्क़ से जीत गया है।।
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तेरे अलावा फकत नज़र नहीं आती कोई मंज़िल मुझे।तेरे बाद किसी और का हो जाना मेरे बस की बात नहीं है...।। -
तेरे अलावा फकत नज़र नहीं आती कोई मंज़िल मुझे।तेरे बाद किसी और का हो जाना मेरे बस की बात नहीं है...।।
अब डर लगने लगा है सुबह के उजालों से।कि रात के अंधेरे झूठी उम्मीदें नहीं दिया करते।। -
अब डर लगने लगा है सुबह के उजालों से।कि रात के अंधेरे झूठी उम्मीदें नहीं दिया करते।।
एक तुझे पा लेना ही मकसद तो नहीं मेरा,तेरे साथ जो गुज़रे, वो पल भी तो "इश्क़" है...।। -
एक तुझे पा लेना ही मकसद तो नहीं मेरा,तेरे साथ जो गुज़रे, वो पल भी तो "इश्क़" है...।।
शामिल हुं तुझमें इस कदर, मेरा तो वजूद है तेरे जीने में,कभी सोच कर देखना मुझे, धड़क उठूंगा तेरे सीने में...।। -
शामिल हुं तुझमें इस कदर, मेरा तो वजूद है तेरे जीने में,कभी सोच कर देखना मुझे, धड़क उठूंगा तेरे सीने में...।।
तुमने कसर ही कहां छोड़ी थी खुद को संवारने में,गर इश्क़ न होता, तो धड़कने थम जाती...।। -
तुमने कसर ही कहां छोड़ी थी खुद को संवारने में,गर इश्क़ न होता, तो धड़कने थम जाती...।।
तुझमें भटकता अंधेरा सा मैं,मुझमें जगमग रोशनी सी तू...।। -
तुझमें भटकता अंधेरा सा मैं,मुझमें जगमग रोशनी सी तू...।।
कभी देखा था उसने खुदको मेरी नज़रों से,चूमकर सजदा करने लगे वो मेरी नज़रों का खुद के लिए मेरा इश्क़ देखकर...ll -
कभी देखा था उसने खुदको मेरी नज़रों से,चूमकर सजदा करने लगे वो मेरी नज़रों का खुद के लिए मेरा इश्क़ देखकर...ll
नहीं साबित कर सकता मेरा इश्क़ बार बार तुझसे,मोहब्बत है तुझसे बे-इंतेहा, कोई मुक़दमा थोड़ी है...।। -
नहीं साबित कर सकता मेरा इश्क़ बार बार तुझसे,मोहब्बत है तुझसे बे-इंतेहा, कोई मुक़दमा थोड़ी है...।।
देख ये दिन भी बदल गए तेरे जाने के बाद,"अब वो शामें नहीं आती"रात हो जाया करती है, दिन ढलने के बाद...।। -
देख ये दिन भी बदल गए तेरे जाने के बाद,"अब वो शामें नहीं आती"रात हो जाया करती है, दिन ढलने के बाद...।।