बचपन की यादों में खोए थे
हम भी इश्क़ के साथ सोए थे
नींद अब कहा आती है
वो बचपन ही था जहाँ हम बिना इश्क़ के सोये थे.-
ये मौसम बड़ा प्यारा है
ये बाहर बिताने का तेरे साथ वादा है
ये वादा भूल न जाना
ये प्यार में भूल ने का तुम्हारा बहाना है.-
ख्वाब आते है हमें तुम्हारे
में ये किसे बताऊं
हमें इश्क़ है आप से
ये में कैसे तुम्हे बताऊ.-
वो कंधे पे खिलाया करते थे
पूरी दुनिया घुमाया करते थे
वो कंधे बोज नहीं बन जाते थे
बचपन में हमें ऐसे घुमय करते थे
उंगली पकड़कर चलना सिखाया करते थे
कभी गिर जाये तो उठाकर चलना सिखाया करते थे
ये ऊँगली पकड़कर मोहल्ला घूमना सिखाया करते थे
कभी थक जाये तो ये कंधे पर सुलाया करते थे
वो साइकिल चलाना सिखाया करते थे
सिख जाने पर सबाशी दिया करते थे
स्कूल न जाने पर डाटा जरूर करते थे
पर हर बार पढाई की सिख जरूर दिया करते थे
पढाई में अव्वल आने पर खिलौना जरूर लाया करते थे
टूट जाने पर मरमत खुद ही किया करते थे
तालाब में तैरना सिखाया करते थे
डूब जाने पर पीठ थप थपाया करते थे
वो यही पापा के कंधे थे
जिसपे हम बचपन घूमा करते थे.-
खुशनसीब होगा वो आईना भी
जो आप को हर रोज देखता होगा
हमारे नसीब ऐसे कहा जनाब
हमें तो ये चाँद का टुकडा हफ्ते में एक बार दीखता होगा.-
ये चांद सा रोशन चेहरा हुआ
तुम्हारा मिलना हमे मुकमल हुआ
ये रोशन चहरे से इश्क़ हुआ
ये इश्क़ हमें नहीं तुम्हे भी मंजूर हुआ.-
हमने इश्क़ करना शिखा है तुमसे
तुम जताना भूल गए
ये मत समझना
हम मोहब्बत करना भूल गए.-
ये चेहरा भुलाया नहीं जाता
अब ये इश्क़ छुपाया नहीं जाता
एक मुस्कान सी आ जाती है चेहरे पे
जब दीदार होता है इस चेहरे से.-
वो बिंदी भी चमकती है
जब ये मुस्कान तुम्हारे चेहरे पे सजती है
ये दिल धड़कता है
देखने को तरसता है
ये मुस्कान पे चेहरा किसका सजता है.-
ये बारिश का आना
तेरा यु मुझसे लिपट जाना
ये इश्क़ नहीं तो क्या है
और तुम पूछते हो मोहब्बत कहा है.-