" नहीं मालूम क्या मिलना है वहांँ
तलाशे सुकूंँ में जलना है यहांँ "-
Hina Rizvi
(हिना रिज़वी)
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"I feel words more than air on my body "
Joined 19 October 2021
8 SEP 2022 AT 16:32
" खोलो क़फ़स की अब उड़ना है मुझे
छू कर आसमां ज़मीन पर उतरना है मुझे "-
25 AUG 2022 AT 1:15
" बिकते नहीं ऐसे क़लम बाज़ार में
सच्चाई का मोल होता ही नहीं "
डाॅ. हिना रिज़वी-
23 AUG 2022 AT 16:38
" बन कर दुर्गा सर तुम्हारा काट सकती है
न ललकारो मान मर्यादा इसकी
यह नारी है "-
19 AUG 2022 AT 0:46
" चन्द घड़ियों में राख किया चेहरा मेरा
क्या उम्मीद जहां से अब में रखूं "
डाॅ. हिना रिज़वी-
7 AUG 2022 AT 0:41
کہہ کر لبّیک ہاتھ ہم نے ہے اٹھایا
غمِ زہرا میں اشک بھی ہے گرایا
کرنے دو زمانے کو جو اعتراض کرتے ہیں
ہم حسینی ہیں صبرِ مزاج رکھتے ہیں-