दोस्तों आज हम अपनी आप बीती सुनाते हैं
अपनी और अपने सहपाठी की बात बताते हैं
उनसे पहली मुलाकात का दिलकश था नजारा
उन्हें देखते ही सारा होश उड़ गया था हमारा
वो तो मुझे देखते ही जरा सा मुस्कुरा दिये
और इस तरह वो मेरा दिल हौले से चुरा लिये
उनके सौन्दर्य को देखने से मेरा मन मचल गया
मानो जैसे मुझ गरीब को कोहिनूर मिल गया
मैं तो बस उन्हें देखने मे ही गुम सा हो गया
देखते ही देखते मेरा पैर इश्क मे फ़िसल गया
मैने भी ना देर करके हाथ अपना बढ़ा दिये
उनके भी हाथ बढ़े और हम दोनों हाथ मिला लिये
इसके बाद क्या करे कुछ समझ ना आ रहा था
मेरे दिल तो बस जोर-जोर से धड़कता जा रहा था
फ़िर बहुत कोशिशे करके खुद को होश मे लाया
फ़िर हम दोनों ने एक-दूसरे का हाल बतलाया
उन्होने मुझसे कुछ इस कदर बात बतलाया
क्या होता है अपनापन ये उन्होने एहसास दिलाया
कुछ देर बातो का सिलसिला यू ही चलता गया
हाँ उसी वक्त मेरा भी नाम आशिक़ो मे जुड़ गया
इस तरह इश्क का दौर हम दोनों के शुरु हो जाते हैं
इसके आगे जो हुआ कभी वक्त मिलने पर बताते हैं
- हिमांशु वर्मा