जिंदगी हमने तुझे चलाया है
कुछ दो कदम माँ की ऊँगली पकड़ कर
तो कुछ दो कदम खुद गिरकर
तो कुछ पापा के पीछे भाग कर
तो कुछ पापा के कंधों पर बैठकर
कभी तो जब,जब हम सुबह 7:00 बजे उठा करते थे
जब हम वह भारी बस्ता रोज उठाया करते थे
स्कूल में बैठे हमने पूरा दिन तुझे चलाया है
दूसरों का लंच खाकर हमने तुझे रास्ता दिखाया है
जिंदगी हमने तुझे चलाया है(part 1)
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प्यार तो मुझे हो ही गया था,
पर अब मुझे डर भी लगने लग था
क्योंकि आदत बन गई थी वो मेरी,
और आदत अच्छी थी वह मेरी
उसके दिल का पता ना था,
यह वो डर था जो एक तरफा था
अगर प्यार का इजहार ना करता,
तो रोता जिंदगी भर
क्योंकि धड़कन थी वो मेरी,
मेरी क्योंकि जान थी वो मेरी
क्योंकि एक वही थी जिसने दूसरों के लिए जीना सिखाया,
बेमतलब में खुश रहना बताया
सिखाया कि प्यार क्या होता है,
और प्यार में क्या होता है
प्यार तो वो भी करती थी,
मुझे से नहीं मेरी आदत पर मरती थी
कोई उसे यह तो बताओ कि उसी की देन है,
और जो यहां बैठा है सब उसी का खेल है
कभी सोचा नहीं था इस कदर बदल जाऊंगा,
किसी के लिए इतना संभल जाऊंगा
जिसने कभी अपना नहीं सोचा,
वो दूसरों की फिक्र करने लगा था
उसने फिर से इस कदर पूछा,
क्यों करते हो मेरी इतनी फिकर
उसे क्या पता था यह पागल,
अब सबकी फिक्र करने लगा था
मैंने उसे फिर से प्यार से बताया,
कि लगता है डर तुम्हें खोने का इस अनजानी भीड़ में
क्योंकि पहले मैं, मैं था अब तेरा हूं(para 3)-
मंजिल दूर थी, पर मैं रुका नहीं
रुकावट बहुत थी, पर में झुका नहीं
रुक तो जब गया, जब परेशानियां अपनों की थी
मेरे सपने मेरे ही थे, पर मेरे सपने मेरे अपनों के ना थे
पर फिर भी मुझे मेरी मंजिल दिखती थी
वो सपने जिसमें मेरी जान बसती थी
मुझे मेरे सपनों में जिंदगी दिखती थी
मंजिल दूर थी, पर मैं रुका नहीं
रुकावट बहुत थी, पर में झुका नहीं-
जब तेरे साथ था, तुझे कदर ना थी मेरी
अब तुझसे दूर हूं, तो कहते हो
लौट आओ, जरूरत है तेरी......-
प्यार तूने भी किया,
प्यार मैंने भी किया,
फर्क था तो इतना कि
तेरे झूठ पर भी विश्वास था मुझे, लेकिन
मेरे सच पर भी ऐतराज था तुझे-
मैं अकेला हूं......
अकेला ही अच्छा हूं कम से कम
डर तो नहीं लगता किसी के छोड़ जाने का-
थक जाओ तो लौट आना
सारी नफरत छोड़ आना
हम तो तुम्हें अभी भी चाहते हैं
पर अब तुम सोच समझ कर आना
जिस रास्ते तुम गई हो
उसी रास्ते लौट आना
जो प्यार तुमने छोड़ा है
वो सब लेते आना
अच्छा सुनो वादे तो याद है ना तुम्हें
की याद दिलाने पड़ेंगे
मुझे तो लगता है दिलाने पड़ेंगे
अगर याद होते तो हम साथ होते-
कभी किसी को अपनी आदत मत डालो
क्योंकि फिर वही तुम्हें बदनाम करता है कि तुम बदल गए हो-