I know of sacrifices you don't even realise were made . -
I know of sacrifices you don't even realise were made .
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वो सुब्ह शाम खंज़र पे लगाते हैं मल्हम ख़ून तो वैसे भी ज़ख़्मों का मुकद्दर ठहरा -
वो सुब्ह शाम खंज़र पे लगाते हैं मल्हम ख़ून तो वैसे भी ज़ख़्मों का मुकद्दर ठहरा
तुम अपने होठों पर पतझड़ के साथ और अपनी आँखों में झरनों के साथ मुझसे बात करते हो। मेरे शब्दों ने खिलना सीख लिया है लेकिन आंखें बरसती हैं। -
तुम अपने होठों पर पतझड़ के साथ और अपनी आँखों में झरनों के साथ मुझसे बात करते हो। मेरे शब्दों ने खिलना सीख लिया है लेकिन आंखें बरसती हैं।
रात भर शब्दों की पालकी में झूलता हूं मैं,सुबह निशब्द जागने से डरता हूं मैं l -
रात भर शब्दों की पालकी में झूलता हूं मैं,सुबह निशब्द जागने से डरता हूं मैं l
क्या खूब कहना ऐसे जिंदगानी का -
क्या खूब कहना ऐसे जिंदगानी का
कभी ऐसा भी हुआजो कुछ भूला थाउसका याद न रहना भूल गया -
कभी ऐसा भी हुआजो कुछ भूला थाउसका याद न रहना भूल गया