तेरी आंखों का इकलौता ख़्वाब बन जाऊं, तुम इजाज़त तो दो,
बन के धड़कन तेरे दिल में उतर जाऊं, तुम इजाज़त तो दो,
परिंदा बन के तेरे आस पास ही उड़ रहा हूं बस,
बेख़ौफ तेरे कांधे पर उतर जाऊं, तुम इजाज़त तो दो !!-
अपनी कविता के हर शब्द पर गुरूर करता हूं ।।
आसां तो नहीं,
जज़्बातों को यूं ही सरेआम गढ़ देना,
कागज़ पे लिखकर,
भरी महफ़िल में तेरा नाम पढ़ देना !!-
जो चंद चालाक लोग, दबे पांव चुपके से,
Follow-back मिलने के कुछ दिन बाद Unfollow कर देते हैं न,
उनको लगता है कि उनकी चालाकी मुझे समझ नहीं आती,
और मैं चुपचाप देखता हूं उन्हें मेरी नजरों में गिरते हुए !!-
जितनी सरल प्रेम की परिभाषा है,
उतना ही कठिन है, प्रेम में, प्रेम को, प्रेम से पा लेना !!-
काश कि वो समझते,
हमारी आंखों में बहते समंदर की गहराइयों को,
एक हम ही नादान थे,
जो उनकी झील सी आंखों में डूबते चले गए !!-
मैं जानता हूं, तेरी आरज़ू, तेरा प्यार, तेरी चाहत, तेरा त्याग,
सब मेरे लिए है, फिर भी तू प्यासी है उस चांद में मेरे दीदार को,
तेरे इसी विश्वास पर मैं समर्पित, आज हूं और हमेशा रहूंगा,
बस ये गंवारा नही कि तू प्यासी रह कर, साबित करे हमारे प्यार को !!-
कुंठा और गुस्सा बहुत चतुर होते हैं, जिन पर आपका बस चलता है बस उन्हीं पर निकलते हैं !!
अतः दवाब में बिखरना नही, निखरना सीखिए !!-
ये नकली Followers, बनावटी Views, और फर्ज़ी Likes,
Insta की धोखाधड़ी और उसमे भाग लेते कुछ Open Mics,
सब लगे पड़े हैं मोल चुका कर Collab करने की होड़ में,
साहित्य का प्रयोग कर रहे, गुणा-भाग, घटाना और जोड़ में !!-
है शब्द-शब्द अर्थपूर्ण, पंक्तियों में सार है,
शाश्वत हैं मात्राएं, व्याकरण अपार है,
गद्य, पद्य, काव्य सब, माँ हिंदी के प्रारूप हैं,
पर्याय, संधि, अलंकार, सब हिंदी के श्रृंगार हैं !!-
इस धरा वसुंधरा पर, अनंत आशाओं में,
एक तुझे ही माँ की उपाधि, असंख्य भाषाओं में,
अति सहज-सरल भी हो, अमूल्य मानकों में तुम,
मात्र हिंदी ही परिपक़्व है, अनेक परिभाषाओं में !!-