इंसान हैवानियत की हर हदो को लांघा करते है।
कितनी अजीब बात है ना कि देवी के मंदिर में जाकर बेटी ना होने का वरदान मंगा करते है।-
नहीं है पाँव के नीचे जमीनें
मगर अम्बर पे तारे टॉकता हूँ
मुनासिब जो लगे वो देना मौला
मेरा क्या,मैं तो कुछ भी माँगता हूँ।-
बताने की बात नहीं है,पर बताने दोगी क्या ?
इश्क़ बेपनाह है तुमसे ,एक बार जताने दोगी क्या?
तुम तितली हो ,पर्वत हो, आसमान हो मेरा
एक डिबिया में सिंदूर रखा है मेरे पास ,लगाने दोगी क्या?-
आज थोड़ा प्यार जता दूं क्या
तुम मेरी हो सबको बता दूं क्या?
तेरी कलाई जो पकड़ लूं मैं
हाय!मेरी जान गवा दूं क्या?
मेरा कमरा बहुत उदास सा है
तेरी एक तस्वीर लगा दूं क्या?
तुझे लिखने में दिन चला गया
सोचने में रात बिता दूं क्या!!-
और क्या लिखूं तुम्हारे बारे में,
मेरी छोटी सी जिंदगी का
खूबसूरत हिस्सा हो तुम-
मैं ओर कुछ नही जानता ,
बस इतना जानता हु की वक़्त से जूझ कर, नसीब को चीर कर ,रेखाओ को तोड़ कर
तुम्हे आना पड़ेगा
और अगले हर जन्म में मेरा साथ निभाना पड़ेगा ।-
मेरे मोहब्बत की बात ही अलग थी।
मैंने सच्चा प्यार किया था और उसने प्यार का दिखावा-
चलो जाओ भी अब जी लेंगे, पर सच कहो मजबूरी है क्या? कि चलो जाओ भी अब जी लेंगे, पर सच कहो मजबूरी है क्या ?
मुझे यह कहानी थोड़ी और लिखनी थी ,
तुम्हारे हिसाब से पूरी है क्या?-
आज फिर से अकेले खड़े हो यहां
आज फिर से अकेले खड़े हो यहां किसी के इंतिज़ार में हो क्या ?
आज फिर से उनके प्यार में हो ना ?
तुम्हे कितनी बार तो यहां बिलखते आंसुओं के साथ तुम्हारे टूटे हुए दिल को देखा है
तुम्हे कितनी बार तो यहां बिलखते आंसुओं के साथ तुम्हारे टूटे हुए दिल को देखा है ।
तुम थकते नही हो क्या ?
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